वाराणसी के औद्योगिक आस्थान करखियांव में 26 से अधिक यूनिट बंद, डीएम की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने औद्योगिक आस्थान करखियांव में प्लाट आवंटन के बाद निर्माण नहीं कराने की जांच का निर्देश दिया था। इस बाबत एडीएम प्रशासन उप जिलाधिकारी पिंडरा व उपायुक्त उद्योग क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी सीडा की अध्यक्षता मे कमेटी बनाया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 01:32 PM (IST)
वाराणसी के औद्योगिक आस्थान करखियांव में 26 से अधिक यूनिट बंद, डीएम की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
जिलाधिकारी ने औद्योगिक आस्थान करखियांव में प्लाट आवंटन के बाद निर्माण नहीं कराने की जांच का निर्देश दिया था।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने औद्योगिक आस्थान करखियांव में प्लाट आवंटन के बाद निर्माण नहीं कराने की जांच का निर्देश दिया था। इस बाबत एडीएम प्रशासन, उप जिलाधिकारी पिंडरा व उपायुक्त उद्योग, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपी सीडा की अध्यक्षता मे कमेटी बनाया था। जांच कमेटी ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन से अधिक लोगों ने आवंटन के बाद प्लाट का उपयोग नहीं किया। प्लाट यूं ही पड़े हुए हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात यह भी है कि प्लांट आवंटन व मशीनें स्थापित करने के बाद 26 यूनिट में ताला बंद होने का मामला भी जांच समिति के सामने आया।

अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं। हालांकि उद्यमियों का कहना है कि कोविड की पहली व दूसरी लहर की तबाही की वजह व बाजार में डिमांड नहीं मिलने के कारण कुछ उद्यम में ताला लग गए हैं। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद निर्णय डीएम को लेना है। बताया जा रहा है कि आवंटन के बाद उद्यम स्थापित नहीं करने वालों को नोटिस दिया जाएगा। जवाब संतोषजनक न होने पर आवंटन निरस्तीकरण की दिशा में कार्रवाई होगी।

करखियांव औद्योगिक आस्थान में लगभग ढाई सौ प्लाट हैं। इसमें सभी के आवंटन हो चुके हैं। पिछले दिनों वीडियोकांफ्रेंसिग के दौरान कुछ उद्यमियों ने आवंटन के बाद उद्यम स्थापित न करने वालों को लेकर सवाल किया था। कहा था कि उद्यम स्थापित न करने वालों के स्थान पर अन्य को प्लाट आवंटित किया जाए। उद्यमियों को शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच कमेटी गठित कर कई बिंदुओं की जांच का निर्देश दिया था।

निर्धारित बिंदु पर कमेटी को पड़ताल के निर्देश

जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में जांच समिति को मुख्य रूप से औद्योगिक आस्थान में कुल क्षेत्रफल तथा यूपी सीडा के कब्जे में उपलब्ध क्षेत्रफल, भूमि पर औद्योगिक आस्थान का प्लान, प्लान के मुताबिक जमीन पर कब्जा है कि नहीं, अगर नहीं है तो क्या कारण है। इसकी जांच करनी थी। इसके अलावा यूपी सीडा के पक्ष में भूमि के अभिलेखों की स्थिति, यूपी सीडा की भूमि पर कब्जे के बारे में यदि कोई विवाद है तो कारण, प्लाट की संख्या, आवंटित प्लाट की संख्या, आवंटित प्लांट के सापेक्ष संचालित औद्योगिक इकाईयों की संख्या, रिक्त प्लाट की संख्या, रिक्ट प्लाट पर उद्यम स्थापित नहीं हुआ तो कार्यवाही की स्थिति, ऐसे प्लाट जो तत्काल आवंटित किए जा सकते हैं। जिलाधिकारी ने इस सभी बिंदुओं पर कमेटी से रिपोर्ट मांगी थी।

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