वाराणसी के एमपीएमएमसीसी में जल्द मिलेगी मॉलीक्यूलर टेस्ट की सुविधा, सैंपल नहीं भेजने होंगे मुंबई

Molecular test facility Varanasi MPMMCC आईओसीएल से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल मॉलीक्यूलर पैथोलॉजी लैब की सुविधा के साथ ही बायोकेमेस्ट्री माइक्रोबायलॉजी रेडियशन एवं सर्जिकल ऑकोलॉजी विभाग में सुविधाओं को मजबूत करने एवं बढ़ाने में किया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 04:38 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:38 PM (IST)
वाराणसी के एमपीएमएमसीसी में जल्द मिलेगी मॉलीक्यूलर टेस्ट की सुविधा, सैंपल नहीं भेजने होंगे मुंबई
सुविधा शुरू करने के लिए एमपीएमएमसीसी एवं इंडियन ऑयल के बीच 1.90 करोड़ का सीएसआर फंड के लिए करार।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएसीसी) एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) में जल्द ही कैंसर मरीजों को मॉलीक्यूलर टेस्ट की सुविधा मिल सकेगी। यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों का सैंपल मुंबई नहीं भेजना पड़ेगा, जिससे टेस्ट के परिणाम में लगने वाला समय कम होगा। साथ ही मरीज का इलाज भी जल्द शुरू हो सकेगा। अस्पताल में मॉलीक्यूलर पैथोलॉजी लैब स्थापित करने के लिए शनिवार को मंडलायुक्त श्री दीपक अग्रवाल की उपस्थिति में सुंदर बगिया स्थित एमपीएमएसीसी में एमपीएमएसीसी एवं एचबीसीएच और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बीच एक करार हुआ। इसके तहत आईओसीएल की तरफ से सीएसआर एक्टिविटी के तहत अस्पताल को 1.9 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जिसका इस्तेमाल मॉलीक्यूलर पैथोलॉजी लैब स्थापित करने के साथ ही अस्पताल में अन्य सुविधाओं को बढ़ाने पर खर्च किया जाएगा।

फिलहाल पूरे पूर्वांचल में कैंसर मरीजों के लिए मॉलीक्यूलर टेस्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण मरीजों का सैंपल इस टेस्ट के लिए दूसरे शहर भेजना पड़ता है। ऐसे में मरीजों की सुविधा को देखते हुए एमपीएमएमसीसी ने इसे शुरू करने का फैसला किया है। दरअसल कैंसर के कई गांठों का ठीक से पता लगाने के लिए उनका इम्युनोहिस्टो केमेस्ट्री टेस्ट किया जाता है अगर बीमारी का पता ठीक से इस जांच में भी नहीं लग पाता तो इसके लिए मॉलीक्यूलर टेस्ट की जरूरत पड़ती है। एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के शैक्षणिक अधिष्ठाता (डीन) एवं पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शशिकांत पटने ने बताया कि “टेस्ट की सुविधा चरणबद्ध तरीके से अस्पताल में शुरू की जाएगी। फिलहाल हमें हर महीने औसतन 30 सैंपल मॉलीक्यूलर जांच के लिए मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल भेजने पड़ते हैं। टेस्ट की सुविधा अस्पताल में शुरू होने से मरीजों को फायदा मिलने के साथ ही शैक्षणिक एवं शोध कार्यों को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।“ बता दें कि आईओसीएल से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल मॉलीक्यूलर पैथोलॉजी लैब की सुविधा के साथ ही बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायलॉजी, रेडियशन एवं सर्जिकल ऑकोलॉजी विभाग में सुविधाओं को मजबूत करने एवं बढ़ाने में किया जाएगा।

एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने उपरोक्त अनुबंध पर आईओसीएल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि “इससे वाराणसी सहित उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को जांच व इलाज में बड़ी राहत मिलेगी। टाटा मेमोरियल सेंटर कैंसर मरीजों को गुणवत्तापरक इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। यह करार हमारी इस प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान करेगा।“ इस करार के मौके पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से श्रीधर जी. भागवत, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (ईआर एंड सीएसआर, कॉर्पोरेट ऑफिस), अनिल लिमाए जनरल मैनेजर (एचआर, सीएसआर, हेड ऑफिस) और के. एस. पॉंगते, जीएम (एचआर, सीएसआर, यूपीएसओ-1) उपस्थित रहे।

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