थोक में 42 और फुटकर 60 रुपये प्रतिकलो बिक रहा गुड़, काढ़ा बनाने के लिए हो रहा इस्तेमाल

कोरोना से बचाव के लिए बीते छह माह से लोगों ने काढ़ा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसे में घरों में गुड़ की मांग बढ़ गई। शुरू में गुड़ का भाव तेज था। 15 दिन से किराना मंडी विश्वेश्वरगंज में गुड़ का थोक भाव कम हुअा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 09:18 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 09:18 PM (IST)
थोक में 42 और फुटकर 60 रुपये प्रतिकलो बिक रहा गुड़, काढ़ा बनाने के लिए हो रहा इस्तेमाल
पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी विश्वेश्वरगंज में गुड़ का थोक भाव कम हुअा है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना से बचाव के लिए बीते छह माह से लोगों ने काढ़ा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसे में घर-घर गुड़ की मांग बढ़ गई। शुरू में तो बाजार में गुड़ का भाव तेज था, लेकिन बीते 15 दिन से पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी विश्वेश्वरगंज में गुड़ का थोक भाव 3500 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि फुटकर दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में 60 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से गुड़ बेच रहे हैं।

गुड़ के थोक व्यवसायी अभिषेक जायसवाल ने बताया कि मार्च से जुलाई तक चार से पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल का भाव चल रहा था, लेकिन बीते 15 दिन से 3500 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल का भाव है। वर्तमान में फुटकर दुकानदारों की खरीद लगभग 45 रुपये प्रति किलोग्राम की पड़ रही है। उन्हें ज्यादा से ज्यादा 48 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से ग्राहकों को बेचना चाहिए।  

अभी और कम होंगे गुड के दाम : थोक व्यवसायी अभिषेक जायसवाल ने बताया कि गन्ने की नई फसल दीपावली तक आ जाती है। उसके बाद बाजार में नया गुड़ आ जाएगा। इस वर्ष भरपूर उत्पादन भी हुआ है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले दो महीनों में गुड़ के दाम और कम होंगे।

चीनी की भी कीमत में आई गिरावट : थोक व्यवसायी राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि तीन माह से चीनी का भाव स्थिर चल रहा है। लॉकडाउन के पूर्व बाजार थोड़ा तेज था। उस समय लगभग चार हजार रुपये प्रति क्विंटल का भाव चल रहा था। वर्तमान में 3300 से 3600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव बिक रहा है। नई फसल आने के बाद सरकार रेट तय करेगी, उम्मीद है कि चीनी का भाव और गिरेगा।

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