MNREGA वाराणसी में एक दिन में रिकाॅर्ड 44000 श्रमिकों ने विभिन्न स्थानों पर किया काम

वाराणसी में सभी पुराने रिकार्ड को ध्वस्त कर पिछले वर्ष की तुलना में एक दिन में 463.13 फीसद से अधिक मजदूरों को काम दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 12:14 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 04:34 PM (IST)
MNREGA वाराणसी में एक दिन में रिकाॅर्ड 44000 श्रमिकों ने विभिन्न स्थानों पर किया काम
MNREGA वाराणसी में एक दिन में रिकाॅर्ड 44000 श्रमिकों ने विभिन्न स्थानों पर किया काम

वाराणसी, जेएनएन। देश में लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। इस वजह से महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली से लाखों लोग पलायन कर उत्तर प्रदेश आए। अब सभी को तत्काल रोजगार देने का माध्यम सामने दिखा मनरेगा। शासन ने मनरेगा में अधिक से अधिक लोगों को काम देने का आदेश दिया। इसी का परिणाम हुआ कि वाराणसी में सभी पुराने रिकार्ड को ध्वस्त कर पिछले वर्ष की तुलना में एक दिन में 463.13 फीसद से अधिक मजदूरों को काम दिया गया।

पिछले वर्ष सर्वाधिक 9500 मजदूरों ने किया था काम 

मनरेगा में सर्वाधिक तेजी से काम नवंबर-दिसंबर के महीने में होता है। साथ ही मजदूरों की संख्या प्रतिदिन घटती-बढ़ती रहती है। वाराणसी में वर्ष 2019 में एक दिन में एक साथ सर्वाधिक 9500 मजदूरों ने काम किया था। इस वर्ष लॉकडाउन में काम शुरू होने पर मई में एक दिन 44,000 हजार मजदूरों ने एक साथ काम किया। इस प्रकार देखा जाए तो लॉकडाउन में लोगों को रोजगार देने में मनरेगा में 463.13 फीसद की वृद्धि हुई।

20 विभागों से चिह्नित किए गए 1700 से अधिक कार्य

मनरेगा मजदूरों को अधिक से अधिक काम उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई, उद्यान, वन, पीडब्ल्यूडी, बंधी, पंचायती राज, ग्रामीण अभियंत्रण, रेलवे आदि 20 विभागों से 1700 से अधिक कार्य चिह्नित किए गए हैं।

27000 लगे हैं काम पर

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की वजह से 50 से अधिक गावों में हॉटस्पॉट बन गया है। कुछ कार्य बरसात से बंद हो गए हैं। इसके बावजूद औसत 27000 मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। इस मामले में भी वाराणसी का रिकार्ड बहुत सुधरा है क्योंकि पहले यह औसत पांच से छह हजार होता था।

एक नजर इस पर भी 15178 पंजीकृत मनरेगा मजदूर 70864 सक्रिय मनरेगा मजदूर 760 जिले में कुल ग्राम पंचायत 54789 जनपद में आए प्रवासी 3470 प्रवासियों ने मांगा मनरेगा में काम

जून में 52000 का लक्ष्य

मनरेगा उपायुक्त करुणाकर अदीब का कहना है कि 'हम लगातार दूसरे विभागों से संपर्क कर नए काम की तलाश कर रहे हैं। ताकि जितने भी मजदूर जुड़ें हम सभी को मांगने पर काम दे सकें। सफलता भी काफी मिली है। शासन ने हमें जून में 52000 का लक्ष्य दिया था। हमारा प्रयास होगा कि आगे उसे भी पूरा कर लिया जाए।

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