महात्‍मा गांंधी काशी विद्यापीठ शताब्दी वर्ष समारोह में बोले एमजे अकबर - 'सौ वर्ष से इल्म बांट रहा संस्‍थान'

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपनी गौरवशाली परम्परा को संजोये हुए बुधवार को अपनी स्थापना का सौ वर्ष पूरा कर लिया। इसके सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी अध्ययन पीठ में शताब्दी वर्ष महोत्सव का भव्य आगाज किया गया।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 04:40 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 07:55 PM (IST)
महात्‍मा गांंधी काशी विद्यापीठ शताब्दी वर्ष समारोह में बोले एमजे अकबर - 'सौ वर्ष से इल्म बांट रहा संस्‍थान'
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने गौरवशाली परम्परा को संजोये हुए बुधवार को अपनी स्थापना का सौ वर्ष पूरा कर लिया।

वाराणसी, जेएनएन। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपनी गौरवशाली परम्परा को संजोये हुए बुधवार को अपनी स्थापना का सौ वर्ष पूरा कर लिया। सौ वर्ष पूरे होने पर गांधी अध्ययन पीठ में शताब्दी वर्ष महोत्सव का भव्य आगाज किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद व पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पिछले सौ वर्षों से इल्म बांट रहा है। इल्म बांटने से बढ़ता है। ज्ञान ही प्रगति का इंजन है। ताकत तो मन की शक्ति से आती है और मन की शक्ति ज्ञान से आती है। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहले लोगों के मन से भय दूर किया। इसके बाद भारतीय लोग ब्रिटिश सरकार के खिलाफ हुए और देश आजाद हुआ। ऐसे में मन में भय का त्याग व आत्मविश्वास बेहद जरूरी है।

आनलाइन शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन सत्र करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने काशी विद्यापीठ की स्थापना जनआंदोलन की मजबूती के लिए की थी। वर्ष 1947 में हमें हुकूमत मिली लेकिन उसके पहले ही गांधी जी लोगों को भय से आजादी दिला दी थी। भय से आजादी और आत्मविश्वास से ही अंग्रेजों ने भारत को हुकूमत सौंप दी। उन्होंने काशी विद्यापीठ के विद्याॢथयों को भय त्यागने और 21वीं शताब्दी को भयमुक्त करने का आह्वान किया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रदेश के स्टाम्प एवं व न्यायालय शुल्क पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि काशी विद्यापीठ के अध्यापकों एवं छात्रों ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हमें फक्र है कि काशी में काशी विद्यापीठ पीठ है जहां भारत माता मंदिर है। विद्यापीठ प्रतिदिन भारत माता की पूजा करता है। उन्होंने कहा कि भारत माता मंदिर पर 100 फिट का तिरंगा फहराया जाए और रोज प्रात: 10 बजे राष्ट्रीय गीत का प्रसारण हो। साथ ही शाम को पुलिस बैण्ड बजाने व राष्ट्र गान के बाद झंडा को उतारा जाए।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को मिले राष्ट्रीय दर्जा मिले : प्रो टीएन सिंह

परिसर स्थित गांधी अध्ययन पीठ में आयोजित उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ भारतीय शिक्षा पद्धति पर आधारित है। हमारे देश की नई शिक्षा नीति भी भारतीय शिक्षा पर आधारित है। उन्होंने प्रदेश के मंत्री से महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने में सहयोग करने की अपील की तो मंत्री ने इसके लिए एक समिति गठित करने की सलाह दी, जिस पर कुलपति ने समिति जल्द गठित करने का आश्वासन दिया। कुलपतिने काशी विद्यापीठ के प्राध्यापकों एवं छात्रों से विद्यापीठ के गौरव शाली इतिहास में कुछ नई उपलब्धि जोडऩे का आह्वान किया। उन्होंने काशी विद्यापीठ में भारतीय भाषा में टेक्नोलाजी की पढ़ाई शुरू करने पर भी बल दिया।अतिथियों का स्वागत डा. वंशीधर पांडेय ने किया। कुलसचिव डा. साहब लाल मौर्य ने धन्यवाद प्रकाश किया। संचालन डा. राहुल गुप्ता ने किया।

इससे पहले कुलपति ने परिसर स्थित महात्मा गांधी, डा. भगवान दास, बाबू शिवप्रसाद गुप्त, आचार्य नरेंद्र देव डा. भीमराव आंबेडकर, चंद्रशेखर आजाद, लालबहादुर शास्त्री, राजनारायण, इंदिरा गांधी आदि की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इस दौरान एनएसएस के विद्याॢथयों की ओर से भव्य और आकर्षक रैली निकाली गई। इसके पश्चात गांधी अध्ययन पीठ में शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत गायन से हुआ और इस कुलगीत के आडियो का लोकार्पण भी किया गया। समारोह के द्वितीय सत्र में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित 'मोहन से महात्मा' नामक कठपुतली फिल्म प्रदर्शन किया गया। मुख्य अतिथि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह थे।

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