छात्र राजनीति में दुष्कर्म पीडि़ता और सत्यम आए थे करीब, 2013 में यूपी कालेज छात्रसंघ का था उपाध्यक्ष

सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह दोस्त सत्यम प्रकाश राय का साथ छात्रसंघ की राजनीति के दौरान हुआ था। सत्यम 2013 में यूपी कालेज छात्रसंघ का उपाध्यक्ष था। उसने ही पीडि़ता को 2015 में महामंत्री पद पर चुनाव में खड़ा किया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 07:45 AM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 07:45 AM (IST)
छात्र राजनीति में दुष्कर्म पीडि़ता और सत्यम आए थे करीब, 2013 में यूपी कालेज छात्रसंघ का था उपाध्यक्ष
दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह दोस्त सत्यम प्रकाश राय का साथ छात्रसंघ की राजनीति के दौरान हुआ था।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली दुष्कर्म पीडि़ता व उसके गवाह दोस्त सत्यम प्रकाश राय का साथ छात्रसंघ की राजनीति के दौरान हुआ था। सत्यम वर्ष 2013 में उदय प्रताप कालेज छात्रसंघ का उपाध्यक्ष था। उसने ही पीडि़ता को वर्ष 2015 में महामंत्री पद पर चुनाव में खड़ा किया था, लेकिन वह हार गई थी।

एक मई को दर्ज कराया था मुकदमा

पीडि़ता ने मऊ के घोसी से बसपा के सांसद अतुल राय के खिलाफ एक मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। लोकसभा से सांसद का चुनाव जीतने के बाद 22 जून 2019 को अतुल राय ने पुलिस को चकमा देकर अदालत में समर्पण किया था। तब से अतुल राय प्रयागराज की नैनी जेल में निरुद्ध है। इस मामले में सत्यम गवाह है।

दो अगस्त को जारी हुआ था गैर जमानती वारंट

पीडि़ता के खिलाफ गत दो अगस्त को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। यह मुकदमा अतुल राय के भाई ने अदालत के आदेश से कैंट थाने में दर्ज कराया था। पीडि़ता पर आरोप है कि वह दो अलग -अलग मुकदमों में अपनी अलग - अलग जन्मतिथि दर्ज कराई है। ऐसा करके वह अनैतिक लाभ लेना चाहती है। कैंट पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

मार्च में मामला पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट

अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला गत मार्च में सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया था। आरोप लगाने वाली पीडि़ता ने जान के खतरा होने का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मुकदमे की सुनवाई राज्य के बाहर स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी। पीडि़ता ने सुनवाई दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अभियुक्त अतुल राय को नोटिस जारी करने के साथ ही प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में लंबित मुकदमे की सुनवाई पर भी रोक लगा दी थी। अतुल राय और उत्तर प्रदेश सरकार को चार सप्ताह में याचिका का जवाब दाखिल करना था।

फर्जी मामले में फंसाने का लगाया था आरोप

अतुल राय के पिता भरत सिंह ने अपने पुत्र को दुष्कर्म के फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। सोनभद्र के गुरमा जेल में बंद कुख्यात अंगद राय ने यह साजिश रची। इसके लिए युवती को मोहरा बनाया गया। पिता की शिकायत पर हुई जांच में इसकी पुष्टि भेलूपुर के तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी अमरेश सिंह बघेल ने अपनी विवेचना में की थी। क्षेत्राधिकारी ने दुष्कर्म मामले की दोबारा जांच की संस्तुति भी की थी। जांच में यह भी पता चला कि एक साल में अंगद राय ने जेल से मोबाइल नंबर से 12166 बार तथा दूसरे मोबाइल नंबर से 1506 अर्थात कुल 13672 बार अलग-अलग लोगों से बात की थी। पिता का आरोप है कि एक युवती के जरिए जेल में बंद अंगद राय और सत्यम प्रकाश राय ने दुष्कर्म और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। जेल से अपने सहयोगियों और युवती को फोन से निर्देश दिए जाते थे। पीडि़ता ने इस मामले में पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर पर भी सांसद अतुल राय से मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसका अमिताभ ठाकुर ने खंडन करते हुए अदालत में जाने की बात कही थी।

क्षेत्राधिकारी का हुआ था निलंबन

दुष्कर्म मामले की जांच आख्या में अनुचित टिप्पणी अंकित करने के आरोप में शासन ने 30 दिसंबर 2010 को भेलूपुर के तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अमरेश सिंह बघेल को निलंबित कर दिया था।

लंका पुलिस ने की थी ये कार्रवाई

पीडि़ता व उसके गवाह दोस्त के आत्मदाह की खबर मिलने पर लंका पुलिस ने सफाई दी है। लंका थाना प्रभारी महेश पांडेय के अनुसार एक मई 2019 को अतुल राय पर दुष्कर्म, धोखाधड़ी, गाली गलौज, जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था। 30 जून 2019 को आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। आरोपित की जमानत का न्यायालय में पुलिस की ओर से प्रबल विरोध किया गया था। चार दिसंबर 2020 को एक अन्य अभियोग अतुल राय व सुधीर सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया, जिसमें विवेचना के बाद दोनों आरोपितों के विरुद्ध 25 फरवरी 2021 को आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। पीडि़ता के गवाह की तहरीर पर लंका थाने में दो दिसंबर 2020 को एक अन्य मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें विवेचना के बाद आरोपित शुभम व शोभित सिंह के खिलाफ सात जनवरी 2021 को आरोप पत्र को प्रेषित किया जा चुका है।

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