Mirzapur Web Series बनाने वाली टीम को बयान दर्ज करने के लिए मीरजापुर पुलिस ने भेजा नोटिस
निर्माता फरहान अख्तर रितेश साधवानी निर्देशक गुरमीत सिंह करन अंशुमान लेखक विनीत कृष्णा पुनीत कृष्णा अमेजन प्राईम कंपनी को भेजे गए नोटिस में 15 दिनों के अंदर देहात कोतवाली में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।
मीरजापुर, जेएनएन। पुलिस ने मीरजापुर वेब सीरीज बनाने वाली टीम को अब नोटिस भेजकर जिले में तलब किया है। निर्माता फरहान अख्तर, रितेश साधवानी, निर्देशक गुरमीत सिंह करन अंशुमान, लेखक विनीत कृष्णा, पुनीत कृष्णा, अमेजन प्राईम कंपनी को भेजे गए नोटिस में 15 दिनों के अंदर देहात कोतवाली में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं कराने पर उनके खिलाफ आगे कड़ी विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
पुलिस ने बताया कि अदलहट के चिलबिलिया गांव निवासी अरविंद चतुर्वेदी ने 17 जनवरी को वेब सीरीज बनाने वाली टीम के निर्माता फरहान अख्तर, रितेश साधवानी, निर्देशक गुरमीत सिंह व करन अंशुमान सहित अन्य आरोपितों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस मामला दर्ज कर आरोपितों का नाम पता लगाने के लिए देहात कोतवाल विजय चौरसिया के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम 19 जनवरी को मुंबई गई थी। वहीं सभी आरोपितों का नाम और पता लेकर टीम लौट आई थी। अब सोमवार की सुबह आरोपितों को पूछताछ के लिए जिले में बुलाने के लिए नोटिस दी गई है।
वहीं जांच के लिए टीम जब मुंबई गई तो वहां पुलिस ने सहयोग नहीं किया था। काफी मुश्किलों का सामना करने के बाद पुलिस टीम लौट आई थी। अब टीम ने वापस आकर जांच को लेकर सभी आरोपितों को नोटिस जारी की है। पुलिस के अनुसार मुंबई में असहयोग की वजह से सभी को नोटिस देकर बयान दर्ज कराने को लेकर कहा गया है। इस मामले में अगर सहयोग नहीं किया गया तो सभी आरोपितों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। बताया कि सभी को कुल 15 दिनों तक का मौका बयान दर्ज कराने के लिए दिया गया है।
मीरजापुर वेब सीरीज को लेकर सियासी सरगर्मी अक्टूबर 2021 से ही शुरू हो गई थी जब वेब सीरीज में मीरजापुर जिले को बदनाम करने को लेकर सांसद अनुप्रिया पटेल ने पीएम और सीएम तक से गुहार लगाई थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने के बाद से ही प्रकरण चर्चा में बना हुआ है। बीते दिनों एक युवक को मीरजापुर जिले का होने की वजह से ही नौकरी देने से मना कर दिया गया था। इसकी वजह से यह प्रकरण दोबारा चर्चा में आ गया।