कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आते ही वाराणसी के पराग डेयरी में ढाई गुना हो गई दूध की आवक
कोरोना नियंत्रण में आने के साथ ही वाराणसी पराग डेयरी में दूध की आवक बढ़ गई। इस समय प्रतिदिन लगभग 25 हजार लीटर दूध डेयरी में आ रहा है। ऐसे में इसका पाउडर बनाकर गर्मी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भंडारण किया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना नियंत्रण में आने के साथ ही पराग डेयरी में दूध की आवक बढ़ गई। इस समय प्रतिदिन लगभग 25 हजार लीटर दूध डेयरी में आ रहा है। ऐसे में इसका पाउडर बनाकर गर्मी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भंडारण किया जा रहा है।
डेयरी में मंडल की 500 समितियों से दूध आता है। कोरोना काल से इनसे आवक 40 हजार लीटर तक थी। नवंबर में यह घट कर 10 हजार लीटर ही रह गया था। इस स्थिति में डेयरी की ओर से पशुपालकों को राहत के तौर पर तकनीकी निवेश कार्यक्रम के तहत प्रति दस लीटर दूध पर एक किलो पशु आहार दिया जा रहा था। उसमें शर्त रखी गई थी कि पशुपालक दूध समितियों पर ही देंगे। माना जा रहा है कि सरकार की यह योजना काम कर गई। इसका परिणाम भी सामने आने लगा है।
हर माह सवा दो लाख लीटर दूध से बन रहा पाउडर, कानपुर तक आपूर्ति
पराग डेयरी पर आ रहे 25 हजार लीटर दूध में से 11 हजार की बिक्री कर दी जा रही है जबकि आठ हजार लीटर में पनीर, मक्खन व खीर बनाई जा रही है। रोजाना बच रहे छह हजार लीटर को तीन दिनों तक एकत्रित कर कानपुर भेजा जा रहा है यानी महीने में सवा दो लाख लीटर दूध कानपुर भेजी जा रही है। यहां दूध से मिल्क पाउडर बनाया जा रहा है। पाउडर को डेयरी स्टाक कर रही है। इसकी गर्मी के दिनों में खपत होगी।
समय से भुगतान, पशुपालक गदगद
पराग डेयरी पर दूध देने से कतराने वाले पशुपालक भी आज गदगद हैं। कारण यह है कि उनके पशुओं की सेहत के लिए डेयरी से आहार मिल जा रहा है। वहीं, समय से उनका भुगतान भी हो जा रहा है। पहले तीन माह तक उनका भुगतान नहीं हो पाता था।
डेयरी में दूध की आवक बढ़ी है
डेयरी में दूध की आवक बढ़ी है। भविष्य के लिए मिल्क पाउडर का स्टाक बनाया जा रहा है। तीन दिन पर मिल्क पाउडर बनाने के लिए दूध कानपुर भेजा जा रहा है।
- डा. एके शर्मा, जीएम, पराग डेयरी।