वाराणसी में दूध-पनीर में दामों में आया उबाल, दही का नहीं पूछ रहा कोई हाल, जानिए बाजार का हाल
कोरोना महामारी के कारण इन दिनों लोग पौष्टिक आहार ज्यादा ले रहे हैं। डॉक्टर भी लोगों को सलाह दे रहे हैं कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। ऐसे में लग्न और इम्युनिटी बढ़ाने के फेर में दूध की मांग बढ़ गयी है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण इन दिनों लोग पौष्टिक आहार ज्यादा ले रहे हैं। डॉक्टर भी लोगों को सलाह दे रहे हैं कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पिएं। ऐसे में लग्न और इम्युनिटी बढ़ाने के फेर में दूध की मांग बढ़ गयी है। जिस कारण दूध के दामों में अब धीरे-धीरे उबाल आना शुरू हो गया है। 15 दिन पहले जहां दूध का भाव 40-45 रुपये प्रति लीटर चल रहा था, वह अब बढ़कर 55-60 रुपये हो गया है। मंडी के दूधियों ने बताया कि इस समय कोरोना महमारी के कारण पनीर की मांग बढ़ गयी है।
शरीर में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा बनी रहे इसलिए लोग डॉक्टरों की सलाह पर पनीर का सेवन कर रहे हैं। शनिवार को पांडेयपुर, भोजुबीर, दशाश्वमेध, गोदौलिया मंडी में दूध 55-60 रुपये प्रति लीटर के भाव बिका। दूधियों ने बताया कि मंडी में दूध की आवक इस समय 30-40 फीसद कम हो गयी है। कोरोना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय मुंबई और दिल्ली में रहने वाले लोग वापस अपने गांव लौट आए हैं, इस कारण घरों में भी दूध की खपत बढ़ गयी है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में छिटफुट लग्न से भी मंडी में दूध की आवक में कमी आयी है।
280-300 रुपए प्रतिकिलो बिका पनीर
शनिवार को दूध महंगा होने के कारण पनीर के भाव में भी तेजी दिखाई दिया। इधर एक सप्ताह से पनीर का भाव 220-240 रुपये प्रतिकिलो चल रहा था। दुकानदारों ने पनीर का भाव बढ़ने का प्रमुख कारण दूध का महंगा होना बताया। वहीं दूसरा कारण लग्न और कोरोना में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोगों के बीच बढ़ी मांग भी पनीर के महंगा होने का कारण है।
जहां थी एक लीटर की खपत, वहां हो गई डेढ़ लीटर
रजनहिया निवासी दूध विक्रेता बबलू पटेल ने बताया कि कोरोना के कारण बंधी दूध की मांग में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। जिस घर में पहले एक लीटर की बंधी लगी थी वहां 15 अप्रैल से डेढ़ लीटर दूध की मांग होने लगी है।
दही का बाजार हुआ मंदा
कोरोना महामारी के कारण दही का बाजार एकदम मंदा हो गया है। डॉक्टर लोगों को बार-बार सलाह दे रहे हैं कि जब तक महामारी का प्रकोप है तब तक ठंडी चीजों को खाने से परहेज करें। इस कारण लोग दही का प्रयोग बंद कर दिए हैं। वहीं दुकानदार भी मांग नहीं होने के कारण अब दही जमाना बंद कर दिए हैं। दो वर्ष पहले तक गर्मी के दिनों में दही का भाव आसमान पर रहता था। कारण की गर्मी के दिनों में लोगों के बीच दही के लस्सी की मांग बढ़ जाती है। जब से कोरोना ने पैर पसारा है तब से लोगों ने लस्सी से भी दूरी बना लिया है।
दूध | 55-60 |
पनीर | 280-300 |
छेना | 300-320 |
मलाई | 350-400 |
रबड़ी | 260-280 |
दही | उपलब्ध नहीं |
(नोट:- सभी चीजों के दाम शनिवार सुबह के हैं। दूध को छोड़कर अन्य सामान के दाम प्रतिकिलो में है।)