वाराणसी में माइक्रो फाइनेंस कंपनियां किश्त वसूली के लिए ऋणधारकों पर बना रहीं दबाव

ऋणधारक एजेंटों से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि अभी उद्योग बंद चल रहा है। जब खुलेगा तब किश्त का भुगतान करेंगे। लेकिन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 04:10 PM (IST)
वाराणसी में माइक्रो फाइनेंस कंपनियां किश्त वसूली के लिए ऋणधारकों पर बना रहीं दबाव
ऋणधारक एजेंटों से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि अभी उद्योग बंद चल रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के दूसरे लहर में बढ़ते संक्रमण के कारण लघु और कुटीर उद्योग पर ताला लटका है। इस तरह के उद्योग करने वाले लोग वित्तीय सहायता के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर निर्भर रहते हैं। आंशिक लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद होने से ऋणधारक इन माइक्रो फाइनेंस कंपनीयों के किश्त की अदायगी नहीं कर पा रहे हैं। किश्त जमा नहीं करने पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट ऋण धारकों के घर पहुंचकर तू-तू, मैं-मैं कर रहे हैं। वहीं ऋणधारक एजेंटों से हाथ जोड़कर विनती कर रहे हैं कि अभी उद्योग बंद चल रहा है। जब खुलेगा तब किश्त का भुगतान करेंगे। लेकिन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। 

समूह में देते हैं ऋण, हर सप्ताह करते है वसूली

माइक्रो फाइनेंस कंपनियां ज्यादातर गांव में लघु और कुटीर उद्योग चलाने वाले लोगों को समूह (20-25 की संख्या) में ऋण देते हैं। इस ऋण की वसूली कंपनी के एजेंट हर सप्ताह करते हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां ज्यादातर महिलाओं को ऋण देती हैं। 

30 फीसद वार्षिक दर से लेती हैं ब्याज

माइक्रो फाइनेंस कंपनियां लघु और कुटीर उद्योग संचालकों को लगभग 30 फीसद वार्षिक दर की ब्याज पर बिना किसी कागजात के ऋण मुहैया करवाती हैं। 

इलाज के कारण हो रही है परेशानी

ग्रामीण क्षेत्र में ऋणधारकों ने बताया कि इस समय गांव में लोग महामारी से परेशान हैं। इलाज में ही सारा पैसा खर्च हो जा रहा है। उद्योग बंद चल रहा है। ऐसे में किश्त की अदायगी करने में समस्या हो रही है। 

बोले ऋणधारक

हमारा साड़ी में सितारा लगाने का काम है। इस समय उद्योग बंद है तो कैसे ऋण चुकाएं। कंपनी के लोगों को समझना चाहिए। इस समय तो बैंक भी अपना ऋण नहीं वसूल रहा है। संतोष कुमार, बनियापुर

हम माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 20 हजार का ऋण जनवरी में लिए है। 10 किश्त चुका दिए हैं। उसके बाद लॉकडाउन लग गया है। काम बंद है तो कहां से किश्त चुकाएं। यहां तो दो समय भोजन नसीब हो जा रहा है। वही बहुत है। आनंद कुमार, बनवारीपुर।

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