अपराध जगत में 'सेटर' के रूप में चर्चित था मेराज, वाराणसी में पुलिस और बदमाशों के लिए करता था मुखबिरी

वर्ष 2002 में बजरंगी गुट के रूपेश व मोनू के जानी दुश्मन अनिल राय की हत्या में मुखबिर के रूप में उसका नाम सामने आया था। कहा गया था कि अनिल राय व उनके लोग दिल्ली में जहां ठहरे थे वहीं मेराज भी सुरागरसी कर रहा था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:52 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 01:42 PM (IST)
अपराध जगत में 'सेटर' के रूप में चर्चित था मेराज, वाराणसी में पुलिस और बदमाशों के लिए करता था मुखबिरी
अपराध जगत में 'सेटर' के रूप चर्चित मेराज शुरू से ही असलहों का शौकीन था

वाराणसी, जेएनएन। अपराध जगत में 'सेटर' के रूप चर्चित मेराज शुरू से ही असलहों का शौकीन था। उसके भाई पुलिस महकमे से जुड़े थे लिहाजा उसकी भी पकड़ विभाग पर थी। शुरूआती दौर में उस पर पुलिस का मुखबिर होने का ठप्पा भी लगा। इसके चलते पुलिस उस पर हाथ नहीं डालने से कतराती थी। उसकी पुलिस से करीबी ही बदमाशों के पास तक ले गई। नब्बे के दशक में वह बागपत जेल में मारे गए बजरंगी के करीब आया। बजरंगी तब तक विधायक मुख्तार अंसारी के शूटर के रूप में खास हो गया था।

पुलिस से नजदीकी होने के बावजूद वह बजरंगी के लिए मुखबिरी करने लगा। वर्ष 2002 में बजरंगी गुट के रूपेश व मोनू के जानी दुश्मन अनिल राय की हत्या में मुखबिर के रूप में उसका नाम सामने आया था। कहा गया था कि अनिल राय व उनके लोग दिल्ली में जहां ठहरे थे, वहीं मेराज भी सुरागरसी कर रहा था। दिल्ली से काशी पहुंचते ही अनिल राय व उनके लोगों की मलदहिया शूट आउट में हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद मुंबई में रूपेश व मोनू को मार गिराया था।

अपराध जगत में इस मुठभेड़ के बाद मेराज का नाम पुलिस के लिए मुखबिरी करने के रूप में चर्चा में था। रूपेश व मोनू के मारे जाने के बाद मुन्ना बजरंगी का गिरोह भी कमजोर पड़ गया। इसके बाद अन्नू त्रिपाठी व बाबू यादव ने बजरंगी गिरोह को बल दिया, लेकिन अन्नू की मेराज की तरह की सेंट्रल जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद बाबू यादव भी सिगरा थाना क्षेत्र में गैंगवार में मारा गया था। इधर, बजरंगी गिरोह के रसातल में जाने पर मेराज ने पाला बदल कर मुख्तार का साथ पकड़ लिया। मुख्तार की सरपस्ती में वह फल फूल रहा था कि सरकार की नजरें टेढ़ी हो गई। इस बीच गत सितंबर में शस्त्र लाइसेंस की नवीनीकरण के दौरान वह पुलिस के जाल में फंस गया। नवंबर में अशोक विहार कालोनी स्थित मेराज के मकान में अवैध निर्माण को वीडीए ने ध्वस्त कर दिया था।

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