जौनपुर में महबूबा मुफ्ती पर राजद्रोह व राष्ट्रध्वज के अपमान का वाद दर्ज, 27 नवंबर को होगी सुनवाई

प्रभारी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विरुद्ध राष्ट्रध्वज के अपमान व राजद्रोह का वाद दर्ज कर लिया है। सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि नियत की है। वादी ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का अदालत से आग्रह किया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:22 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:22 PM (IST)
जौनपुर में महबूबा मुफ्ती पर राजद्रोह व राष्ट्रध्वज के अपमान का वाद दर्ज, 27 नवंबर को होगी सुनवाई
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विरुद्ध राष्ट्रध्वज के अपमान व राजद्रोह का वाद दर्ज कर लिया है।

जौनपुर, जेएनएन। प्रभारी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (द्वितीय) नीरज की अदालत ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विरुद्ध राष्ट्रध्वज के अपमान व राजद्रोह का वाद दर्ज कर लिया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि नियत की है।

दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने कोर्ट में दफा 156 (3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दरखास्त दिया। कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वादी व पूरा देश इस बात को लेकर गौरवान्वित हुआ था कि अब पूरे देश में तिरंगा लहराएगा। इसी बीच महबूबा मुफ्ती ने 23 अक्टूबर को मीडिया में बयान दिया कि वह अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ती रहेंगी और जब जम्मू-कश्मीर का झंडा हमारे हाथों में होगा, तभी हम तिरंगा ध्वज उठाएंगे। यह बातें वादी व गवाहों ने 24 अक्टूबर की शाम मीडिया में देखा, सुना व पढ़ा। इससे कष्ट पहुंचने के साथ ही असंतोष भी हुआ। महबूबा मुफ्ती की यह टिप्पणियां देश को तोडऩे, कमजोर करने का प्रयास और विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा, विद्वेष पैदा करने वाली हैं जो सीधे-सीधे राजद्रोह की श्रेणी में आता है। महबूबा के बयान से देश की एकता, अखंडता व संप्रभुता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। वादी ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का अदालत से आग्रह किया था।

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