अलग-अलग 20 क्षेत्रों में मेगा प्रोजेक्ट होगा तैयार, अयोध्या की तर्ज पर सेक्टर आधारित होगा बनारस का विकास

वाराणसी विकास प्राधिकरण बोर्ड की 124वीं बैठक में सिटी डेवलपमेंट प्लान को हरी झंडी मिलने के बाद कमिश्नर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है। अगले सप्ताह टेंडर आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 08:50 AM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 08:50 AM (IST)
अलग-अलग 20 क्षेत्रों में मेगा प्रोजेक्ट होगा तैयार, अयोध्या की तर्ज पर सेक्टर आधारित होगा बनारस का विकास
वाराण्‍सी विकास प्राधिकरण ने सिटी डेवलमेंट प्लान को लेकर कार्य शुरू कर दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। विकास प्राधिकरण ने सिटी डेवलमेंट प्लान को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। अयोध्या की तर्ज पर बनारस में भी सेक्टर आधारित विकास किया जाएगा। मसलन, ट्रासपोर्ट नगर, हेल्थ सेक्टर, एजुकेशन सेक्टर, बाजार, उद्योग आदि के लिए निश्चित स्थान तय किया जाएगा। सभी तरह की सुविधाएं संबंधित इलाकों में लोगों को मिलेंगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण बोर्ड की 124वीं बैठक में सिटी डेवलपमेंट प्लान को हरी झंडी मिलने के बाद कमिश्नर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर प्राधिकरण ने तैयारी तेज कर दी है। अगले सप्ताह टेंडर आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन बतातीं हैं कि इस प्लान से भविष्य की जरूरतों को देखते हुए वीडीए अलग-अलग 20 क्षेत्रों में मेगा प्रोजेक्ट तैयार करेगा। सेक्टर आधारित विकास से अलग-अलग जगहों पर जहां अलग-अलग बाजार बनेंगे। वहीं, भारी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। वीसी ने बताया कि पर्यटन, सीवरेज, ड्रेनेज, सोलर एनर्जी, स्मार्ट रोड डेवलपमेंट, अर्बन मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्ट, ग्रीन फिल्ड टाउनशिप, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, अर्बन हेरिटेज डेवलपमेंट, ट्रक टर्मिनल, मेडिकल आदि क्षेत्रों में वृहद स्तर पर काम होगा। कंसलटेंट का चयन करके इन क्षेत्रों के लिए बेहतर प्रोजेक्ट बनेंगे जिससे पुरातन नगरी काशी का स्मार्ट ढंग से चतुर्दिक विकास होगा। मेगा प्रोजेक्ट एक तरीके से योजनाओं का गुलदस्ता होगा जिसमें हर क्षेत्र में काम होने का प्लान होगा। भौगोलिक व जमीनी स्तर पर कौन सी योजना यहां के परिदृष्य में कारगर होगी इसका परीक्षण करने के बाद उसे आकार दिया जाएगा।

योजनाओं में धार्मिकता के साथ ही भविष्य की संभावनाओं का खाका रहेगा। दरअसल, गलियों के शहर काशी में जाम एक बड़ी समस्या है। इसलिए यहां इंवेस्टर्स आने से कतराते हैं। चूंकि जो भी प्रोजेक्ट बनेगा उसे बाबा विश्वनाथ व पुरातन नगरी काशी को केंद्र में रखते हुए बनाया जाएगा जिससे पुरानी शहर के अलावा बाहरी हिस्से की बसावट वाले लाखों लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा। ईशा दुहन ने बताया कि सिटी डेवलपमेंट प्लान अयोध्या, कानपुर, मेरठ, ब्रज, मथुरा, आगरा समेत यूपी के केवल 13 शहरों में आकार लेगा। कंसलटेंट विभिन्न देशों व प्रदेशों की धर्म नगरी का तुलनात्मक अध्ययन करके प्रोजेक्ट को बनाएगा जिसे शासन से अनुमोदित कराते हुए काम कराया जाएगा।

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