अल्जाइमर के प्रति प्रभावी होंगी दवाएं, आइएमएस-बीएचयू के तैयार फाॅमुलेशन से रोगियों को मिलेगा लाभ

अल्जाइमर एक तंत्रिका विकार या न्यूरोडिसआर्डर है जो आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को हानि पहुंचती है। यह डिमेन्सिया (भूलने की बीमारी) का सबसे प्रमुख कारण होता है। इससे हमारी बौद्धिक क्षमता बहुत कम हो जाती है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:35 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:35 PM (IST)
अल्जाइमर के प्रति प्रभावी होंगी दवाएं, आइएमएस-बीएचयू के तैयार फाॅमुलेशन से रोगियों को मिलेगा लाभ
फाॅमुलेशन के माध्यम से इस कमी को दूर कर इसको अल्जाइमर रोग के प्रति और प्रभावी बनाया जा सके।

वाराणसी,  मुकेश चंद्र श्रीवास्तव। अल्जाइमर एक तंत्रिका विकार या न्यूरोडिसआर्डर है जो आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे याददाश्त एवं अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को हानि पहुंचती है। यह डिमेन्सिया (भूलने की बीमारी) का सबसे प्रमुख कारण होता है। इससे हमारी बौद्धिक क्षमता बहुत कम हो जाती है और शरीर में ऐसा परिवर्तन हमारी दैनिक जीवन के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

जनसंख्या के लिहाज से भारत विश्व में दूसरे नंबर पर है और ऐसा अनुमान किया गया है कि यहां कि 30 मिलियन आबादी न्यूरोलाॅजीकल डिसआर्डर से प्रभावित है। एक बड़ी आबादी में ऐसी बिमारी के खतरे को देखते हुऐ इसके उपचार से सम्बन्धित दवाओं पर शोध अत्यन्त आवश्यक हो जाता है। अभी तक इसके उपचार में एफडीए ने चार दवाओं को अनुमति दी। जैसे - डोनीपेजील, रीवास्टीगमाइन, मेमन्टीन एवं गेलेन्टामाइन। इसके अलावा पौधे से प्राप्त नेचुरल कम्पाउण्ड बरबेरीन का उपयोग याददाश्त बढ़ाने के लिऐ प्राचीन काल से प्रमुखता से किया जाता रहा है।

पौधों से प्राप्त नेचुरल कम्पाउण्ड बरबेरीन के साथ एक बाध्यता है कि इसकी बायोअवलेबिलिटि कम होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुऐ बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सेन्टर आफ एक्सपेरीमेन्टल मेडीसिन एण्ड सर्जरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सन्तोष कुमार सिंह के निर्देशन में शोध छात्र अनुराग कुमार सिंह ने चार वर्ष के अथक अनुसंधान में एक फाॅर्मुलेशन तैयार किया। फाॅमुलेशन के माध्यम से इस कमी को दूर कर इसको अल्जाइमर रोग के प्रति और प्रभावी बनाया जा सके। इस फाॅर्मुलेशन में लिपिड कोटेड, मिजोपोरस सिलिका नैनो पार्टिकल्स के साथ बरबेरीन को लोड किया गया, जिससे बरबेरीन की उचित व प्रभावी मात्रा ब्रेन में पहुंचायी जा सके। इस अनुसंधान में यह पाया गया है कि फाॅर्मुलेशन के साथ बरबेरीन ज्यादा प्रभावी तरीके से एसीटाइलकोलीनेस्टरेज एन्जाइम के एक्टिविटी को कम करता है। इस अध्ययन से ब्रेन टारगेटेड ड्रग डिलिवरी के क्षेत्र में, आने वाले समय में एक नये आयाम की सम्भावना बनेगी।

अभी यह प्रारम्भिक अध्ययन है जिसका चिकित्सकीय परीक्षण अल्जाइमर से पिड़ित रोगियों पर सिद्ध होना बाकी है। इस शोध कार्य को एक प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय शोध जर्नल ए.सी.एस (अमेरिकन केमिकल सोसायटी) बायो मैटेरियल्स सांइस एण्ड इंजीनियरिंग में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। इस शोध कार्य में डा. राजेन्द्र अवस्थी, डा. एसपी सिंह, डा. एसके मिश्रा, डा. विभव गौतम का विशेष योगदान रहा है।

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