वाराणसी में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लंका इलाके में मेडिकल स्टोर्स वालों ने किया प्रदर्शन

कोरोना काल में मरीज और उनके परिवारजनों के साथ कालाबाजारी की सूचना पर इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय जब ऑक्सीमीटर लेने गए तो उनके दुकानदार ने उनकों भी चूना लगाया। यही नहीं बिना कंपनी और एमआरपी लिखा आक्सीमीटर पकड़ा दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 07:27 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 11:27 PM (IST)
वाराणसी में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लंका इलाके में मेडिकल स्टोर्स वालों ने किया प्रदर्शन
दवा दुकान संचालकों ने किए गए कार्रवाई के विरोध में दुकानें बंद कराकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

वाराणसी, जेएनएन। कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सोमवार को लंका क्षेत्र की दवा की दुकानों को बंद कर मेडिकल स्टोर संचालकों ने प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में पुलिस ने दवा कारोबारियों को समझाकर दुकानें खुलवाई। कोरोना काल में मरीज और उनके परिवारजन के साथ कालाबाजारी की सूचना पर इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय सादे कपड़े में रविवार को एक दुकान पर आक्सीमीटर लेने गए तो दुकानदार ने उनको भी चूना लगाया। यही नहीं बिना कंपनी और एमआरपी लिखा आक्सीमीटर पकड़ा दिया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को देते हुए कार्रवाई शुरू हुई तो लंका क्षेत्र के मेडिकल स्टोर संचालकों ने विरोध का तरीका अपनाया ताकि अन्य लोगों पर कार्रवाई या मुकदमा दर्ज न हो जाए। मालवीय प्रतिमा के पास स्थित दवा कारोबारियों ने पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में दुकानें बंद करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि इस महामारी के बीच हम लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर दुकान खोल रहे हैं जबकि पुलिस बिना वजह परेशान कर रही है। जो लोग कालाबाजारी करते हैं उन्हेंं प्राश्रय दिया जाता है, जबकि सही से काम करने वालों को प्रताडि़त किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी समझाया तब जाकर दुकानदार शांत हुए। इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय ने बताया कि प्रदर्शन सिर्फ कार्रवाई के डर से यह सब कुछ कराया जा रहा है लेकिन इसमें कम लोग ही शामिल थे।1250 का आक्सीमीटर 1400 में बेचा, क्या गुनाह किया- लंका स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल स्टोर संचालक नीरज चतुर्वेदी के भाई अंबुज चतुर्वेदी बताते हैं कि सादे वेश में पहुंचे लंका थानाध्यक्ष को भइया ने 1400 रुपये में आक्सीमीटर और 250 रुपये में वेपोराइजर दिया था। भइया रक्तचाप के मरीज हैं, लिहाजा बाद में अचानक वीडियो बनाते हुए कांस्टेबल के पहुंचने पर वे कुछ बोल नहीं पाए। हमने अपनी खरीद का बिल भी दिखाया, जिसमें आक्सीमीटर 1250 व वेपोराइजर 250 रुपये अंकित है। यह कच्चा सौदा है, जिसकी कोई गारंटी हमें भी नहीं मिलती। दो-चार पीस डैमेज निकल जाता है। ऐसे में 1250 रुपये में मिले आक्सीमीटर को 1400 रुपये में बेचना क्या वाकई गलत है। जो चोरी कर रहा है, उसे तो छेड़ा भी नहीं जा रहा। हम व्यापारी हैं, गलत करते हैं तो जांच की जाए और यदि सही हैं तो इस तरह प्रताडि़त न किया जाए।

पुलिस कार्रवाई जारी रखेगी

पुलिस अपना काम बखूबी करेगी। मामले में पुलिस कार्रवाई जारी रखेगी। किसी को भी बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा।

- ए. सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर-वाराणसी।

आक्सीमीटर सहित इस तरह के डिवाइस फिलहाल मानीटरिंग की परिधि से बाहर हैं

मेडिकल स्टोर संचालक ड्रग सूची में शामिल दवाओं के साथ ही उससे संबंधित अन्य सामग्री की बिक्री भी कर सकते हैं। मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 बना जरूर है, लेकिन लागू न होने से आक्सीमीटर सहित इस तरह के डिवाइस फिलहाल मानीटरिंग की परिधि से बाहर हैं।

- केजी गुप्ता, असिस्टेंट कमिश्नर (ड्रग)-वाराणसी डिवीजन।

पुलिस की ओर से कोई आदेश-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ

अखबार के माध्यम से घटना की जानकारी जरूर हुई है, लेकिन अभी तक पुलिस की ओर से कार्यवाही करने के लिए न तो सूचित किया गया है और न ही ऐसा कोई आदेश-निर्देश प्राप्त हुआ है।

- सौरभ दुबे, ड्रग इंस्पेक्टर।

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