मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 नहीं हुआ लागू, ड्रग विभाग की कोताही से बढ़ रहा मुनाफाखोरों का हौसला

देश में मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 लागू न होने एवं ड्रग विभाग की कोताही का इन दिनों मुनाफाखोर जमकर फायदा उठा रहे हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की खाना-पूर्ति तो हो जाती है लेकिन वह उस काबिल नहीं होता कि दूसरे दुकानदार उससे नसीहत ले सकें।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 07:50 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:49 AM (IST)
मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 नहीं हुआ लागू, ड्रग विभाग की कोताही से बढ़ रहा मुनाफाखोरों का हौसला
देश में मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 लागू न होने एवं ड्रग विभाग की कोताही का मुनाफाखोर जमकर फायदा उठा रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। देश में मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 लागू न होने एवं ड्रग विभाग की कोताही का इन दिनों मुनाफाखोर जमकर फायदा उठा रहे हैं। अस्पतालों की मिलीभगत से मनमाने दामों पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी हो या शार्टेज बताकर जरूरी दवाओं का अधिक दाम वसूलना, ड्रग विभाग मुनाफाखोरों के चक्रव्यूह को तोडऩे में नाकाम साबित हुआ है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की खाना-पूर्ति तो हो जाती है, लेकिन वह उस काबिल नहीं होता कि दूसरे दुकानदार उससे नसीहत ले सकें। जनपद में असंख्य मेडिकल शाप हैं, जिनमें से कइयों के लाइसेंस तक नहीं। मगर क्या मजाल जो दुकान का शटर गिर जाए।

महामारी के इस दौर में जहां घर-परिवार और स्वयं की जान जोखिम में डालकर अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक जरूरी दवाओं की आपूर्ति में कोई कसर नहीं छोड़ रहे, वहीं चुनिंदा लोगों की लालच के चलते यह तबका बदनाम हो रहा है। 42 लाख की आबादी वाले जनपद में इस मनमानी, जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने का जिम्मे एक अकेले ड्रग इंस्पेक्टर के भरोसे है, जिसमें वे लगातार नाकाम साबित हुए। मनमाने दामों पर आक्सीमीटर की बिक्री हो या फैबी फ्लू अथवा अन्य जरूरी दवाओं का अधिक दाम वसूलना या फिर कोविड अस्पतालों की मिली भगत से मनमाने दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, सारा खेल धड़ल्ले से चलता रहा। लगातार मिल रही शिकायतों के निस्तारण के क्रम में आखिरकार जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को रैपिड टीम गठित करनी पड़ी। शिकायत मिलने पर यह टीम संबंधित मेडिकल संचालकों के खरीद एवं बिक्री संबंधी दस्तावेजों की जांच कर रही है। दोष सिद्ध होने पर ड्रग इंस्पेक्टर के यहां कार्यवाई के लिए संस्तुति भी कर रही है।

पुलिस कार्रवाई जारी रखेगी

पुलिस अपना काम बखूबी करेगी। मामले में पुलिस कार्रवाई जारी रखेगी। किसी को भी बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा।

- ए. सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर-वाराणसी।

आक्सीमीटर सहित इस तरह के डिवाइस फिलहाल मानीटरिंग की परिधि से बाहर हैं

मेडिकल स्टोर संचालक ड्रग सूची में शामिल दवाओं के साथ ही उससे संबंधित अन्य सामग्री की बिक्री भी कर सकते हैं। मेडिकल डिवाइस एक्ट-2020 बना जरूर है, लेकिन लागू न होने से आक्सीमीटर सहित इस तरह के डिवाइस फिलहाल मानीटरिंग की परिधि से बाहर हैं।

- केजी गुप्ता, असिस्टेंट कमिश्नर (ड्रग)-वाराणसी डिवीजन।

पुलिस की ओर से कोई आदेश-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ

अखबार के माध्यम से घटना की जानकारी जरूर हुई है, लेकिन अभी तक पुलिस की ओर से कार्यवाही करने के लिए न तो सूचित किया गया है और न ही ऐसा कोई आदेश-निर्देश प्राप्त हुआ है।

- सौरभ दुबे, ड्रग इंस्पेक्टर।

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