सिक्स मिनट वॉक के बाद मापें ऑक्सीजन सेचुरेशन, लेवल 96 के नीचे होने पर हो जाएं सतर्क

अगर सिक्स मिनट वॉक के बाद ऑक्सीजन सेचुरेशन मापेंगे तो स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। यानी ऑक्सी मीटर से मापने के पहले घड़ी देखकर आप छह मिनट टहल लीजिए। इसके बाद भी अगर ऑक्सीजन लेवल 97 प्रतिशत या इससे अधिक आ रहा है तो राहत भरी बात है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 08:30 AM (IST)
सिक्स मिनट वॉक के बाद मापें ऑक्सीजन सेचुरेशन, लेवल 96 के नीचे होने पर हो जाएं सतर्क
अगर सिक्स मिनट वॉक के बाद ऑक्सीजन सेचुरेशन मापेंगे

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के लक्षण मिलते ही ऑक्सीजन के लेवल मापना बहुत जरूरी है। अगर कोरोना की जांच पॉजिटव आती है और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य बता रहा है तो भी हल्के में नहीं ले। सुबह-शाम ऑक्सी मीटर से इसकी जांच करते रहे।

साथ ही अगर सिक्स मिनट वॉक के बाद ऑक्सीजन सेचुरेशन मापेंगे तो स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। यानी ऑक्सी मीटर से मापने के पहले घड़ी देखकर आप छह मिनट टहल लीजिए। इसके बाद भी अगर ऑक्सीजन लेवल 97 प्रतिशत या इससे अधिक आ रहा है तो राहत भरी बात है, लेकिन इससे नीचे 90-92 पर फीसद पर आ रहा है तो तुरंत भर्ती होकर ऑक्सीजन चढ़ाने की नौबत हो सकती है।

चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित टीबी एंड चेस्ट विभाग के प्रो. एसके अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना का लक्षण जब शुरू होता है उसी दिन से संक्रणम मानें न कि कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर। जांच रिपोर्ट आने पर पूरे परिववार की जांच करानी चाहिए। लक्षण के पांचवें दिन आरटी सीटी स्कैन करानी चाहिए। इससे सारी स्थिति स्पष्ट हो जाती है।

इससे पता चल जाता है कि निमोनिया की स्थिति क्या है। साथ ही सुबह शाम पल्स ऑक्सी मीटर से ऑक्सीजन सेचुरेशन की भी जांच करती रहनी चाहिए। प्रो. अग्रवाल बताते हैं कि अगर इसमें रिपोर्ट सामान्य यानि 97 फीसद से अधिक ऑक्सीजन लेवल आता है तो सिक्स मिनट वॉक टेस्ट भी कर लेना जरूरी होता है। अगर इस टेस्ट में ऑक्सीजन का स्तर ठीक है तो ही ठीक मानें। अन्यथा ऑक्सीजन का स्तर कम होता है तो ऑक्सीजन चढ़ाना चाहिए। 

ऑक्सीजन सिलेंडर डीलर्स को हिदायत, अस्पतालों को प्रथमिकता में दी जाए सप्लाई

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के अनुपात में आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में रुकावट पैदा करने वालों को चेतावनी दी। कहा कि अस्पतालों को पहले आपूर्ति सुनिश्चित की जाय।

जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर आक्सीजन सिलेंडर डीलर्स के साथ कैम्प कार्यालय पर बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों का जीवन बचाना पहली प्राथमिकता है। कोविड के गंभीर मरीजों के लिए आक्सीजन नितांत आवश्य है। ऐसे में सभी कोविड अस्पतालों को नियमित रुप से आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई का चेन निरंतर बनाए रखना होगा। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नान कोविड अस्पतालों को और होम डिलीवरी को  द्वितीय प्राथमिकता दी जाए।  डीलरों को निर्देश दिया कि 24 घंटे में किसी भी समय किसी कोविड अस्पताल से सिलेंडर की मांग की जाय तो सप्लाई गाड़ी और ड्राइवर तैयार रखें और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।

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