सैलानियों को बुला रही वाराणसी के मार्कंडेय महादेव धाम की छटा, महापुरुषों के नाम पर तीन प्रवेश द्वार

तीर्थाटन या सैर-सपाटे के लिए काशी आने वालों की सूची में अब तक श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार सारनाथ व गंगा के घाट हुआ करते थे। अब इस सूची में नया मार्कंडेय महादेव धाम का नाम भी शामिल हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 06:20 AM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 10:35 AM (IST)
सैलानियों को बुला रही वाराणसी के मार्कंडेय महादेव धाम की छटा, महापुरुषों के नाम पर तीन प्रवेश द्वार
गंगा-गोमती संगम पर बन रहे घाट का लुक जलधार से किसी टापू की तरह नजर आता है।

वाराणसी, जेएनएन। तीर्थाटन या सैर-सपाटे के लिए काशी आने वालों की सूची में अब तक श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार, सारनाथ व गंगा के घाट हुआ करते थे। अब इस सूची में नया मार्कंडेय महादेव धाम का नाम भी शामिल हो गया है। मंदिर की साज-सज्जा के बाद सज-संवर कर तैयार भव्य छटा बिखेर रहे घाट के ठाट सहज ही आकर्षित करते हैं। महाशिवरात्रि पर बनारस आए टूर आपरेटरों ने भी इसे अपने बुकिंग लिस्ट में शामिल कर लिया है ताकि कोरोना संकट के बाद सैलानियों को इसकी सैर कराई जा सके।

घाट का टापू व्यू

गंगा-गोमती संगम पर बन रहे घाट का लुक जलधार से किसी टापू की तरह नजर आता है। यह पहले चरण में ही दिखने लगा है। आधुनिक तकनीक का उपयोग कर इसे गर्मियों में रहने वाले जलस्तर के नीचे तक पक्का कराया जा रहा है। इस पर 10.56 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।

चल रहा विस्तारीकरण

पहले प्रसाद योजना में तीन करोड़ से घाट बनाया गया। इसके बाद पांच करोड़ से एक्सटेंशन के साथ गंगा-गोमती संगम पर 10.56 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गुलाबी पत्थरों से इस पर मढिय़ां व गजीबो भी लगाए जा रहे हैं। इसे राजस्थान से मंगाया गया है।

महापुरुषों के नाम पर तीन प्रवेश द्वार

घाट की ओर आने वाले तीन प्रवेश द्वारों का निर्माण महापुरुषों के नाम से कराया गया है। मंदिर के सामने श्रद्धालुओं की कतार के लिए स्टील की बैरिकेडिंग के साथ स्टील फ्रेमिंग शेड, मुख्य द्वार पर पीतल की परत, हाइमास्ट व स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं।

अगले चरण में खर्च होंगे 19.30 करोड़

मार्कंडेय महादेव धाम सुंदरीकरण और कैथी घाट विस्तार पर 19.30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसमें 1.5 करोड़ से चहारदीवारी-गेट निर्माण, कैथी गंगा पक्का घाट से नवनिॢमत संगम घाट तक सात करोड़ रुपये से पाथवे, गाजीपुर राजमार्ग से मार्कंडेय महादेव मंदिर तक  अधिग्रहण के साथ 3.5 करोड़ रुपये में नए रास्ते का निर्माण और 6.81 करोड़ खर्च कर मुख्य प्रवेश द्वार से संगम तक भूअधिग्रहण कर नौ मीटर चौड़ी पटरी व सड़क बनेगी।

पीपीपी माडल पर पार्किंग

तीर्थ क्षेत्र में पीपीपी मॉडल पर पाॄकग स्थल विकसित किया जाएगा। इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है। दोनों घाटों पर शौचालय, चेजिंग रुम, प्रतीक्षालय, हर घाट पर दो-दो 16 मीटर उंची हाईमास्ट लाइटें, गंगा में चलने वाली एक रंग की नावें, धर्मशाला अनुरक्षण, मंदिर सुंदरीकरण, गाजीपुर राजमार्ग से मंदिर तक नया रास्ता का निर्माण के साथ ही संगम व मुख्य घाट तक नौ मीटर चौड़ी सड़क, दोनों घाटों के बीच पाथवे का होगा।

लुभा रही जलज सफारी, विकसित होगा वाटर स्पोट्र्स

गंगा डाल्फिंस की उपस्थिति व बड़े जल क्षेत्र में वाटर स्पोट्र्स के जरिए सैलानियों को आकर्षित करने की सोच के साथ काम कर रहे हैं। फिलहाल जलज सफारी सैलानियों को आकर्षित कर रही है। जल्द ही रोरो व जलयान शूलटंकेश्वर से मार्कंडेय महादेव धाम तक चलेगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव के अनुसार घाट को कनेक्ट करने के लिए 8.54 करोड़ का प्रस्ताव है। यहां जल परिवहन के लिहाज से जेटी भी लगाई जाएगी। सांसद व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के अनुसार जल्द ही मार्कंडेय महादेव धाम व गंगा गोमती संगम तट राष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे में शामिल हो जाएगा।

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