सीएसआर फंड दुगना करने के लालच में हुई थी वाराणसी के पीएनबी के प्रबंधक की हत्या, छह गिरफ्तार

फूलपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की करखियांव शाखा के प्रबंधक फूलचंद राम की हत्या सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी ) फंड दोगुना करने का लालच देकर की गई थी। इस संबंध में छह आरोपितों को फूलपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:36 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:37 PM (IST)
सीएसआर फंड दुगना करने के लालच में हुई थी वाराणसी के पीएनबी के प्रबंधक की हत्या, छह गिरफ्तार
छह आरोपितों को फूलपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया।

वाराणसी, जेएनएन। फूलपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक की करखियांव शाखा के प्रबंधक फूलचंद राम की हत्या सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी ) फंड दोगुना करने का लालच देकर की गई थी। इस संबंध में छह आरोपितों को फूलपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीं हत्या व लूट के मास्टर माइंड सहित पांच अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। फरार आरोपितों में शूटर भी शामिल है। हालांकि पुलिस गायब 20 लाख नकद व उस गाड़ी तक नहीं पहुंच सकी है जिससे वारदात के बाद आरोपित फरार हुए थे। अपर पुलिस महानिदेशक जोन बृज भूषण शर्मा ने पुलिस टीम को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की। गिरफ्तार आरोपितों में मंडुवाडीह का शिवा श्रीवास्तव, बड़ागांव का मुकेश पाल, पिंडरा का अतुल सिंह व अतुल विश्वकर्मा, फूलपुर का संजय पटेल और सुनील पटेल शामिल हैं। इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी। इस सफलता में गाजीपुर, भदोही सहित अन्य जिलों की पुलिस भी शामिल थी।

रविवार को यातायात पुलिस लाइन में एडीजी बृज भूषण, पुलिस महानिरीक्षक एसके भगत व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अमित वर्मा ने आरोपितों को मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि गत नौ जून की शाम जौनपुर के जलालपुर थानांतर्गत कुसियां निवासी प्रबंधक की स्काॢपयो सवार अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने स्कार्पियो में से खोखा कारतूस व एक थैले में रखे 27 लाख रुपये बरामद किए थे। जांच व पूछताछ में पता चला कि एक थैला बदमाश ले गए जिसमें 20 लाख रुपये थे। इस सनसनीखेज वारदात का राजफाश करने के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने के साथ कई मोबाइल फोन की काल डिटेल रिकार्ड की जांच की। वारदात स्थल का निरीक्षण, वादी, बैंक कर्मचारियों के बयान व सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से यह पता चला कि बैंक प्रबंधक फूलचंद राम ने वारदात के दिन पीएनबी की मडियाहूं शाखा से कुल 41 लाख रुपये करखियांव शाखा मे जमा करने के लिए निकाले थे। करखियांव शाखा आने पर प्रबंधक द्वारा भौतिक रुप से कैश जमा किए बिना ही वाउचर में 41 लाख रुपये जमा दिखाए गए। इसके बाद छह लाख रुपये कैशियर से और लिए गए। शाम करीब साढ़े पांच बजे प्रबंधक आरोपित सुनील कुमार पटेल के साथ दो झोले में रुपये लेकर बाहर निकले और खुद की बुलाई स्कार्पियो से बनारस की ओर निकले। इसे आरोपित संजय पटेल चला रहा था। कैथौली तिराहे के समीप पटेल ढाबा के पास एक स्काॢपयो पहले से खड़ी थी जिसमें चार व्यक्ति सवार थे। वहीं पर संजय और सुनील के परिचित व दोस्त आरोपित मुकेश एवं अतुल विश्वकर्मा भी खड़े थे। उक्त स्काॢपयो में सवार व्यक्ति मुकेश के बुलाने पर आए थे। पटेल ढाबा के पास कुछ देर तक प्रबंधक व उनके साथ के व्यक्तियों तथा दूसरे स्काॢपयो में सवार व्यक्तियों के बीच वार्ता होती रही।

ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बैठे बदमाश ने मारी थी गोली

इसके बाद दूसरी स्काॢपयो में से दो व्यक्ति उतर कर प्रबंधक वाली स्काॢपयो में पिछली सीट पर मुकेश के साथ बैठ गए। गाड़ी में आगे बैठे प्रबंधक ने कैश से भरे झोले अपने पैर के पास रखे थे। सुनील और अतुल विश्वकर्मा बाहर से आई उक्त स्काॢपयो में बैठ गए। इस स्काॢपयो में आगे वाली सीट तथा ड्राइवर की सीट पर दो अज्ञात व्यक्ति पहले से बैठे थे। मैनेजर वाली स्काॢपयो आगे-आगे चलने लगी और उसके पीछे-पीछे बाहर से आई दूसरी स्काॢपयो चलने लगी । कैथौली तिराहे से हाइवे पर उक्त दोनों गाडियां जौनपुर की तरफ मुडकर आगे जाने लगी। इस बीच पिंडराई मोड़ स्थित हाइवे पर ड्राइवर की सीट के पीछे बैठे अज्ञात बदमाश ने मैनेजर को कनपटी के पास गोली मार दी। गोली मारने के बाद दोनों अज्ञात बदमाश कैश से भरा एक बैग लेकर उतर गए और पीछे आ रही अपनी स्काॢपयो में बैठे सुनील व अतुल विश्वकर्मा को उतार कर उससे जौनपुर की ओर फरार हो गए। वारदात के बाद सुनील और संजय पहले भागे लेकिन भीड़ और पुलिस के आ जाने के बाद पुन: गाड़ी के पास आ गए।

ड्राइवर से मेलजोल बढ़ाकर प्रबंधक तक पहुंचे थे बदमाश

विस्तृत पूछताछ से पता चला कि इस वारदात को अंजाम देने में दो गिरोह काम कर रहा था। एक गिरोह बिचौलियों का था तो दूसरा वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों का। वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह ने ड्राइवर संजय से मेलजोल बढ़ाया। इसके पीछे उनकी साजिश बैंक प्रबंधक तक अपनी पहुंच बनाने की थी। यह भी जानकारी मिली कि स्काॢपयो का ड्राइवर संजय व उसके साथी मुकेश पाल तथा अतुल सिंह द्वारा सीएसआर फंड ट्रांजेक्शन के नाम पर पैसे को दोगुना करने का लालच दिखाकर पैसा ठगने की साजिश रच रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने इस बाबत पिंडरा में मीटिंग की थी कि कैसे सीएसआर फंड में पैसा दोगुना करने के नाम पर किसी बड़ी पार्टी का प्रबंध किया जाए। ड्राइवर संजय ने प्रबंधक के करीबी अमूल पार्लर संचालक सुनील से संपर्क किया। इसके बाद सुनील ने प्रबंधक को धन दोगुना करने का लालच दिया। धन दोगुना करने के लिए एक अन्य पार्टी की जरूरत होने पर उसकी तलाश का जिम्मा मुकेश पाल ने लिया। इसी कार्य के लिए शहर स्थित होटल चंद्रा इन में गत आठ जून को आदर्श श्रीवास्तव उर्फ शिवा और फरार आरोपित आलोक राय के साथ एक मीटिंग की गई।

साजिश के तहत बाहर से बुलाई गई पार्टी

वारदात के दिन संदहा चौराहे पर मुकेश पाल की आलोक राय के साथ मीटिंग हुई। यहां पर मुकेश ने अतुल सिंह से बात करके आलोक राय के माध्यम से किसी भी तरह बैंक मैनेजर से पैसा छीनने की साजिश रची गई। साजिश यह थी कि आलोक राय, आदर्श श्रीवास्तव तथा मुकेश पाल पैसा दोगुना करने के नाम पर प्रबंधक को भरोसे में लेकर किसी एकांत जगह पर ले जाया जाए और मौका देखकर पैसा छीन कर भाग जाया जाएगा। आलोक राय ने स्काॢपयो से बाहर की पार्टी बुलाई और कहा यही पार्टी है जो पैसा दोगुना करेगी। पार्टी का इंतजाम होने की जानकारी प्रबंधक को दी गई। इसके बाद सुनील ने बैंक प्रबंधक को विश्वास में लिया और कैश सहित संजय के साथ स्काॢपयो में सवार होकर कैथौली तिराहा पटेल ढाबा पर पहुंचा। वहां पर मुकेश पाल स्वयं तथा आलोक राय द्वारा लाई गई पार्टी के दो सदस्यों के साथ प्रबंधक की स्काॢपयो में बैठ गया। पार्टी द्वारा लायी गई स्काॢपयो में मैनेजर की स्काॢपयो में से उतर कर सुनील कुमार पटेल तथा पहले से खड़े अतुल विश्वकर्मा बैठ गए। पहले वाराणसी चलने की बात हुई किंतु प्रबंधक ने गाड़ी जौनपुर की तरफ मुडवा दिया और कहा कि बैंक में चलकर सारी बातें करेंगे। साजिश के तहत मुकेश पाल प्रबंधक की स्काॢपयो मे बीच में बैठा था। उसके बाएं बैठे व्यक्ति के इशारे पर मुकेश के दाहिने तरफ बैठे व्यक्ति ने बैंक मैनेजर के सिर में गोली मार दी और कैश से भरा एक थैला लेकर पीछे चल रहे स्काॢपयो मे मुकेश पाल के साथ ही जौनपुर की ओर भाग गए। मुकेश पाल ने वारदात के बारे में अतुल सिंह को बताया और हत्या करने वाले अपराधी ने घटना की जानकारी आलोक राय को दी।

आलोक राय है गिरोह का सरगना व मास्टर माइंड

एडीजी के मुताबिक अब तक की विवेचना व पूछताछ से यह स्पष्ट हुआ कि सोनभद्र का आलोक राय इस गिरोह का सरगना व मास्टर माइंड है, जिसकी साजिश से अतुल सिंह, मुकेश पाल, शिवा ,संजय कुमार पटेल, अतुल विश्वकर्मा,और सुनील पटेल तथा चार अज्ञात आरोपितों द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया। आलोक राय के द्वारा बनाई रणनीति के मुताबिक चार अज्ञात आरोपितों ने लूट करने के साथ प्रबंधक की हत्या कर दी।

आपराधिक धाराएं बढ़ाई गई

विवेचना से अपहरण की धारा हटाते हुए अमानत में खयानत, धोखाधड़ी, लूट के इरादे से हत्या व साजिश रचने की धाराएं बढ़ाई गई हैं। फरार आरोपित आलोक राय के बाबत पुलिस को महत्वपूर्ण लीड मिली है। शीघ्र ही उसे व उसके अज्ञात साथियों को गिरफ्तार कर लूटी गई रकम की बरामदगी भी कर ली जाएगी।

मानक के विपरीत निकाले गए रुपये, कैशियर निलंबित

इस दौरान वहां मौजूद पीएनबी के डीजीएम प्रमोद कुमार तूफान ने बताया कि शाखा के कैशियर राहुल राम को निलंबित कर दिया है। वहीं मडिय़ाहूं शाखा से 41 लाख रुपये निकालने में अनियमितता बरती गई है। बताया कि करखियांव में निकासी की सीमा दस लाख व मडिय़ाहू शाखा में यह सीमा 45 लाख है। इसीलिए प्रबंधक फूलचंद ने उस शाखा से रुपये की निकाले थे। दोनों शाखाओं में रुपये की निकासी में मानक का पालन नहीं किया गया। विभागीय जांच की जा रही है।

गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम

फूलपुर थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार मिश्र, कुलदीप मिश्रा, अरविंद यादव, क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी कुमार पांडेय, गाजीपुर एसओजी प्रभारी विनीत राय, भदोही एसओजी प्रभारी विनोद दुबे, अरुण सिंह के नेतृत्व में सॢवलांस टीम शामिल थी।

कुछ सवाल जो अनुत्तरित रहे

सनसनीखेज वारदात का भले पुलिस ने राजफाश कर लिया, लेकिन कुछ सवाल अब भी अनुत्तरित रहे। जैसे 20 लाख रुपये का अब तक पता नहीं चलना। मास्टर माइंड समेत अन्य आरोपितों का भूमिगत होना, वारदात के समय मौजूद दूसरी स्कार्पियो नहीं मिली। साथ ही हत्या में प्रयुक्त असलहा भी बरामद नहीं हो सका। बिचौलियों का गिरोह तो पकड़ में आया लेकिन वारदात को अंजाम देने वाले अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

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