कलेजे से लगी लाडली तो छलक उठी ममता, पुलिस की मौजूदगी में सुपुर्द की गई नवजात बच्ची
निसंतान बेटी की गोद भरने के बहाने तीन दिन की नवजात बच्ची बेचने के मामले में गुरुवार को सुखद मोड़ आया। वाराणसी पुलिस के हस्तक्षेप पर बच्ची उसकी मां को वापस कर दी गई।
वाराणसी, जेएनएन। नि:संतान बेटी की गोद भरने के बहाने तीन दिन की नवजात बच्ची बेचने के मामले में गुरुवार को सुखद मोड़ आया। पुलिस के हस्तक्षेप पर नवजात बच्ची उसकी मां को वापस कर दी गई। थाना परिसर में लाडली कलेजे से लगी तो मां की ममता छलक पड़ी। एक मां की आंखों में खुशी के आंसू थे तो अब तक बच्ची को प्यार से संभालने वाली महिला भी दुखी दिखी। चौकी प्रभारी अजय प्रताप ङ्क्षसह, पूर्व सभासद राजेंद्र गुप्ता की मौजूदगी में बच्ची को जन्म देने वाली मां सपना के सुपुर्द किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने सुलहनामा लिखकर समझौता कर लिया। इस बात की चर्चा नगर में होती रही।
बुधवार को मछरहट्टा वार्ड में किराये पर रहने वाली सपना देवी ने सास देवंती और जेठ राकेश पर तीन दिन की नवजात बच्ची को बेचने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। संभ्रांत लोगों के समझाने के बाद दोनों पक्षों में शुक्रवार को बच्ची को वापस करने पर सहमति बनी, लेकिन पुलिस का दबाव बना तो गुरुवार को उसे वापस कर दिया गया। इसके बदले में लिए गए सात हजार रुपये भी वापस हुए। मछरहट्टा वार्ड की सपना देवी ने तीन जुलाई को बच्ची को जन्म दिया था। आरोप था कि पहले से ही दो बेटी व एक बेटा होने का हवाला देते हुए सास देवंती देवी तथा जेठ राकेश ने अपने भाई और उसकी पत्नी सपना को समझा बुझाकर नवजात को ननद मालती को देने के लिए राजी कर लिया, मगर पांच जुलाई को ननद को देने के बजाय नवजात को मछरहट्टा निवासी संतोष को सात हजार में बेच दिया था। संतोष ने नवजात बच्ची को कानपुर में रहने वाली बहन अनीता को दे दिया था। सपना का ये भी आरोप है कि उससे एक सादे स्टांप पेपर पर भी हस्ताक्षर करा लिया गया था। बाद में बच्ची बेचने में रजामंदी दिखा दी। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो बच्ची, मां के सुपुर्द की गई।