Make Small Strong : लाकडाउन में कंपनी की website से ग्राहकों की आवश्यकता को समझकर भरोसे काे रखा कायम

वाराणसी मलदहिया स्थित इंडिया स्टील कंपनी के अधिष्ठाता प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि तकनीक का असली महत्व बीते छह माह के दौरान समझ में आया। आने वाले समय में हम पूरी कोशिश करेंगे कि अपना पूरा व्यवसाय तकनीक आधारित ही कर दें। इसका सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:11 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 09:59 AM (IST)
Make Small Strong : लाकडाउन में कंपनी की website से ग्राहकों की आवश्यकता को समझकर भरोसे काे रखा कायम
वाराणसी, मलदहिया स्थित इंडिया स्टील कंपनी का शोरूम।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी ने जब पूरे विश्व के कदम को एकसाथ रोक दिया तब तकनीक ने हमें चलने का अवसर दिया। आज तकनीक की ही देन है कि हम इस महामारी से सुरक्षित हैं। जो काम व्यवसाय के दफ्तर से हो रहा था वह अब घर से हो रहा है। इससे हम और हमारे ग्राहक दोनों सुरक्षित हैं। मलदहिया स्थित इंडिया स्टील कंपनी के अधिष्ठाता प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि तकनीक का असली महत्व बीते छह माह के दौरान समझ में आया। आने वाले समय में हम पूरी कोशिश करेंगे कि अपना पूरा व्यवसाय तकनीक आधारित ही कर दें। इसका सबसे बड़ा फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

आशियाना से आशांवित होकर जुडऩे लगे ग्राहक

लाकडाउन के दौरान जब दुकानें बंद थीं तब कंपनी के अधिकारियों ने हर जिले की फर्मों से संपर्क साधना शुरु किया। उसके बाद सबसे पहले टाटा पाइप की कंपनी ने आशियाना नाम से एक वेबसाइट बनाई। सोशल मीडिया को हथियार बनाकर पहले लाकडाउन के दौरान खूब प्रचार प्रचार किया गया। उसके बाद तो ग्राहकों के रिव्यू आने शुरु हो गए। बस हमें तो कंपनी ने एक ही जिम्मा दे रखा था कि हमेशा वेबसाइट चेक करते रहिए। जैसे ही आपके क्षेत्र का कोई ग्राहक वेबसाइट पर विजिट करता है तुरंत उससे संपर्क करके उसकी आवश्यकता के बारे में जानकारी लीजिए। उपलब्धता के आधार पर उसके आवश्यकता की पूर्ति करके उसका विश्वास जीत लीजिए। बस कंपनी का फरमान मिलते ही हम और हमारी टीम वेबसाइट चेक करने में जुटी रहती थी। जेसे ही कोई कोई ग्राहक विजिट करता हमारी टीम उससे तुरंत संपर्क करके उससे बातचीत करती। ग्राहक की आवश्यकता के मुताबिक हम उसे फोटो और वीडियो के माध्यम से पाइप और अन्य हार्डवेयर से संबंधित चीजों को दिखाते। जब ग्राहक संतुष्ट हो जाता तब हम उसका आर्डर लिखते थे। फिर जो डिलीवरी का समय देते उसी समय के अंदर माल उसके बताए पते पर भेज दिया जाता।

कारीगरों को भी किया आनलाइन

लाकडाउन के समय हमने अपने प्लंबर कारीगरों को भी आनलाइन किया। जब भी किसी ग्राहक को प्लंबर मिस्त्री की आवश्यकता होती तो हम संबंधित क्षेत्र के मिस्त्री से संपर्क करके ग्राहकों की समस्या का निदान करने की कोशिश में जुटे रहे। उस समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जैसे साइट पा जाकर प्लंबर मिस्त्री को कुछ सामान की जरूरत हुई तो इसके लिए उन्हें भटकने की आवश्यकता नहीं होती थी। हमने कुछ विश्वसनीय कारीगरों को जनरल सामान उपलब्ध करा रखा था। जिससे की ग्राहकों का काम बाधित न हो। उन छह महीनों

का बनाया हुआ विश्वास लंबे समय तक कारोबार को बढ़ाए रखेगा।

पेमेंट के लिए अपनाया डिजिटल माध्यम

ग्राहकों से आर्डर लेने के बाद या मरम्मत की सेवा देने बाद हम पेमेंट को डिजिटल रूप में ही लेते थे। इसके लिए हम आनलाइन प्लेटफार्म जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोन पे, आरटीजीएस, भीम, यूपीआई की मदद ले रहे थे। इससे ग्राहकों को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था।

पहली बार हुई इतनी डिजिटल दुकानदारी

यदि कोरोना महामारी नहीं आती तो शायद हम इतने डिजिटल नहीं हो पाते। व्यवसाय के इतने वर्षों में हमने कभी भी इतनी डिजिटल तरीके से दुकानदारी कभी नहीं की। यह अनुभव बेहद अगल था। जिसमें ग्राहक और दुकानदार सभी अपने घरों से ही खरीदारी और बिक्री कर रहे थे। लेकिन वास्तव में पता नहीं चला कि हम एक-दूसरे के सामने नहीं बैठे हैं। यह सब कुछ तकनीक के कमाल से ही संपन्न हुआ।

उस समय की मेहनत अब मिल रहा लाभ

लाकडाउन में हमने अपने दुकान की सभी टोटियों, मिक्सर, बाथटब और अन्य बाथरूम फीटिंग के एसोसिरिज की फोटो लेकर एक फोल्डर तैयार कर लिया है। उस समय तो इसका लाभ मिला ही लेकिन उसका वास्तविक लाभ अब बाजार खुलने के बाद मिल रहा है। अब जब कोई फुटकर दुकानदार या ग्राहक जब हमसे फोन करके पूछता है कि हम यह सामान देखना चाह रहें है तो हम उसे कहते हैं कि आप घर रहिए सुरक्षित रहिए बस आपके मोबाइल पर मैं सारे कैटलाक भेज रहा हूं। बस आप पसंद कीजिए। सामान भेजकर फीटिंग कराने तक की जिम्मेदारी हमारे ऊपर छोड़ दिजिए।

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