Make Small Strong : Covid-19 के दौर में तकनीक को बनाया औजार, किया ग्राहकों को संतुष्ट

कोरोना महामारी से आमजन को बचाने के लिए लाकडाउन का फैसला सरकार ने उस समय लिया जब इलेक्ट्रानिक उत्पादों की बिक्री बूम पर रहती है। सबसे पहले हमने अपनी वेबसाइट को अपडेट किया। ताकि जब भी कोई ग्राहक हमारी वेबसाइट पर जाए तो उसे सारी जानकारी प्राप्त हो सके।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:40 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 09:55 AM (IST)
Make Small Strong : Covid-19 के दौर में तकनीक को बनाया औजार, किया ग्राहकों को संतुष्ट
वाराणसी में इलेक्ट्रानिक स्टोर काशिका इंटरप्राइजेज का शोरूम।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी से आमजन को बचाने के लिए लाकडाउन का फैसला सरकार ने उस समय लिया जब इलेक्ट्रानिक उत्पादों की बिक्री बूम पर रहती है। लाकडाउन के कारण जब सारे कंपनियों के काल सेंटर

बंद हो गए थे। उस समय हमने तकनीक को औजार बनाकर ग्राहकों का जो विश्वास जीता वह अब बाजार खुलने के बाद व्यवसाय को आगे बढ़ाएगा। शहर के इलेक्ट्रानिक स्टोर काशिका इंटरप्राइजेज के अधिष्ठाता अजीत उपाध्याय ने बताया कि हमने इंजीनियरिंग की पढाई की है। उस समय ग्रहण की हुई शिक्षा का महत्व लाकडाउन के दौर में समझ आया।

वेबसाइट को कराया अपडेट

लाकडाउन के कारण जब स्टोर में ताले लग गए तब हमने तकनीक की मदद लेनी शुरु की। दरअसल उस समय गर्मी का मौसम शुरु होने वाला था। ऐसे में आमजन को सबसे ज्यादा उस समय एयरकंडीशनर और रेफ्रिजरेटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी। तब हमने तकनीक के माध्यम को हथियार के रूप में प्रयोग किया। लाकडाउन के पहले चरण में हमारे स्टोर की बनी वेबसाइट को खोला लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर रहा था। सबसे पहले हमने अपनी वेबसाइट को अपडेट किया। ताकि जब भी कोई ग्राहक हमारी वेबसाइट पर जाए तो उसे सारी जानकारी प्राप्त हो सके। जैसे ही हमने अपनी वेबसाइट को अपडेट किया ग्राहक संपर्क करने लगे। बस यहीं से जिज्ञासा और बढ़ गई और शुरु हो गया तकनीक का बेहतर इस्तेमाल।

ग्राहकों तक सूचना भेजना उस वक्त का था पहला काम

दरअसल लाकडाउन के बाद जब अनलाक की प्रक्रिया शुरु हुई तो सबसे ज्यादा दिक्कत ग्राहकों को हो रही थी। उन दिनों जिला प्रशासन की ओर से देर रात एडवाइजरी जारी होती थी कि सप्ताह के तीन दिन बाएं तरफ और सप्ताह के तीन दिन दाएं तरफ की दुकाने खुलेंगी। उसके बाद ग्राहक समय के फेर में फंस गए। कभी सुबह नौ से दो बजे तक तो कभी सुबह 11 से शाम पांच बजे तक। ऐसे में हमने ग्राहकों की परेशानी को समझा और तकनीक के माध्यम से हम हर सूचना अपने ग्राहकों तक पहुंचाना शुरु किए। उसके लिए हमने अपने पुराने लाखों ग्राहकों के नंबर को साफ्टवेयर के माध्यम से निकाल लिया। फिर स्टोर के कर्मचारियों को उन नंबरों को साझा किया। सुबह से शाम तक सभी नंबरों पर एसएमएस के माध्यम से हमारी कौन सी स्टोर किस दिन खुल रही है। स्टोर के

खुलने की टाइमिंग क्या है। उक्त उसकी जानकारी देना सबसे पहला काम था जिससे ग्राहकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

सर्विस से ग्राहक हुए संतुष्ट

आजकल व्यवसाय में उत्पाद को बेचना ही सबकुछ नहीं है। अब सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हम अपने ग्राहकों को कितना संतुष्ट कर पा रहे हैं। लाकडाउन के दौर में जब सभी कंपनियों के काल सेंटर बंद हो गए थे। तब हमने अपने स्टोर के कर्मचारियों की मदद से अपने ग्राहकों के उत्पादों की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की। इस काम में ग्राहकों ने सपोर्ट किया और हमारे स्टोर के कर्मचारियों ने बखूबी उनका साथ दिया। जो हमारे व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। कई ग्राहकों के एलईडी टीवी में रिमोट में आई तकनीकी समस्या के निस्तारण के लिए हमने ग्राहकों से उस उत्पाद का पांच मिनट का वीडियो मंगाकर देखा। स्टोर के कर्मचारियों ने वीडियो देखकर छोटी-छोटी समस्याओं का निस्तारण करके ग्राहकों का दिल जीत लिया।

उत्पाद के डेमो के लिए लिया वीडियो कालिंग का सहारा

जब हमने अपने वेबसाइट को अपडेट किया और ग्राहकों तक प्रतिदिन बाजार खुलने की सूचना पहुंचने लगी तब ग्राहकों के फोन आने शुरु हो गए। उन्हें जो भी उत्पाद खरीदना था हम पहले उनको वीडियो काङ्क्षलग के माध्यम से उसका डेमो कराते थे। जब वह संतुष्ट हो जाते थे तब हम उनसे खरीदारी की बात करते थे। उत्पाद की खरीदारी से लेकर उत्पाद को घर पहुंचाने और इंस्टाल कराने तक का सारा जिम्मा हमने उठा रखा था। वह घर बैठे आरटीजीएस, पेटीएम, गूगल पे, फोन

फेसबुक और हमारे वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से हमें पेमेंट कर देते थे। उसके बाद हम उनका सामान उनके घर तक पहुंचाते थे। जिससे उनको महामारी में कहीं भी बाहर निकलने की जरूरत महसूस न हो।

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