हर माह एक बच्चे को करें कुपोषित मुक्त, वाराणसी में बोलीं यूपी की मंत्री स्वाति सिंह

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार महिला कल्याण राज्य मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि जिले में 45034 पीली श्रेणी और 5460 लाल श्रेणी के कुपोषित बच्चे हैं। हर आंगनबाड़ी केंद्र सुनिश्चित करें कि हर श्रेणी के प्रति माह कम से कम एक बच्चा को कुपोषण से मुक्त कराना है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:12 PM (IST)
हर माह एक बच्चे को करें कुपोषित मुक्त, वाराणसी में बोलीं यूपी की मंत्री स्वाति सिंह
स्वाति सिंह सोमवार को राजकीय बाल गृह और अन्‍य केंद्रों का निरीक्षण किया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह ने कहा कि जिले में 45034 पीली श्रेणी और 5460 लाल श्रेणी के कुपोषित बच्चे हैं। हर आंगनबाड़ी केंद्र सुनिश्चित करें कि हर श्रेणी के प्रति माह कम से कम एक बच्चा को कुपोषण से मुक्त कराना है, तभी कुपोषण से मुक्ति मिलेंगी। विधायक, सभासद, अधिकारी, सेवी संस्थाओं और प्रधानाचार्य ने कुल 838 आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं और वहां अतिरिक्त पोषण आहार दिया जा रहा है।

26 लाल रंग कुपोषित बच्चों के परिवारों को निश्शुल्क गाय उपलब्ध कराई गई है और परिवार को गाय को खिलाने के लिए नौ सौ रुपये प्रतिमाह धनराशि दी जा रही है। ऐसे परिवार के बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति को फालो करें तथा गाय उनके पास है या नहीं पर्यवेक्षण करें। केंद्र के बच्चों को हरी साग-सब्जी उपलब्ध कराने के लिए 697 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई गई है जिसमें पैदा हो रही सब्जी बच्चों को खिलाने हेतु उन्हेंं दी जा रही है। स्वाति सिंह सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में विभागीय समीक्षा बैठक कर रहीं थी।

मंत्री ने कहा कि जनपद में गत वर्ष 54651 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी गई है। इस वर्ष अब तक 749 महिलाओं को पेंशन स्वीकृत हो चुकी है। और तेजी लाने के लिए जनपद में जगह-जगह कैंप लगाकर सभी पात्र महिलाओं की निराश्रित पेंशन योजना में फार्म भरवा कर स्वीकृत किया जाए। कोई पात्र महिला छूटने नहीं पाए। इसमें जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर उनके द्वारा बताए स्थानों पर कैंप लगाएं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में गत वर्ष 2929 लाभाॢथयों को लाभ दिया गया।

ज्यादातर शिकायतें महिला की घरेलू हिंसा की

मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई तक छह चरणों में 15 हजार रुपये आॢथक सहायता दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में 159 बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है। स्पान्सरशिप योजना में 26 बच्चों को 2000 रुपये प्रति माह से दिया जा रहा है तथा 235 नए बच्चों को चिह्नित किया गया है। जिले में संचालित वन स्टाप सेंटर द्वारा महिला व बालिकाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 173 महिला/बालिकाओं को सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। ज्यादातर शिकायतें महिला की घरेलू हिंसा की आती है। उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के माध्यम से विभिन्न नौ धाराओं में पीडि़त महिलाओं को त्वरित न्याय प्रक्रिया के दृष्टिगत तीन से 10 लाख रुपये तक आॢथक सहायता के रूप में दिया जा रहा है। अब तक 69 पीडि़त महिलाओं को क्षतिपूर्ति प्रदान की जा चुकी है।

पात्रों को मिले अनाज

मंत्री ने कहा कि बच्चों, किशोरी और गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाला टेक होम राशन-चावल, गेहूं, चना-दाल, तेल का सही वितरण पात्रों को हर माह किया जाए। अनियमितता मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय हैं।

उत्तर प्रदेश की बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह सोमवार को राजकीय बाल गृह (बालक) एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), रामनगर तथा राजकीय बृद्ध एवं अशक्त गृह महिला दुर्गाकुंड का निरीक्षण किया। मंत्री ने राजकीय बाल गृह (बालक) एवं राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), रामनगर के निरीक्षण के दौरान कौशल विकास कार्यक्रम पर विशेष ध्यान रखे जाने पर जोर देते हुए बच्चों के रहन-सहन एवं खान पान व्यवस्था को देखा। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधरोपण भी किया। राजकीय बृद्ध एवं अशक्त गृह महिला दुर्गाकुंड के निरीक्षण के दौरान मंत्री स्वाति सिंह ने वृद्धाश्रम में घूम-घूम कर व्यवस्थाओ को देखा एवं वृद्धाश्रम में रह रही माताओँ से भी वार्ता कर उनका कुशलक्षेम पूछा

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