वाराणसी में नेताजी बना लें इस गांव से दूरी, जनसुविधाओं के अभाव में मतदान बहिष्कार की मजबूरी
पंचायत चुनाव की आहट के बीच सियासी गुणा गणित और पंचायतों में मतदान बहिष्कार के धमकी तक की खबरें लोगों के बीच चर्चा और ध्यान बटोरने में लग गई हैं। कहीं प्रायोजित विरोध प्रदर्शन है तो कहींं आरटीआई से प्रधान जी की कारगुजारियां उजागर करने की बेताबी।
वाराणसी, जेएनएन। पंचायत चुनाव की आहट के बीच सियासी गुणा गणित और पंचायतों में मतदान बहिष्कार के धमकी तक की खबरें लोगों के बीच चर्चा और ध्यान बटोरने में लग गई हैं। कहीं प्रायोजित विरोध प्रदर्शन है तो कहींं आरटीआई से प्रधान जी की कारगुजारियां उजागर करने की बेताबी।
इसी कड़ी में तहसील क्षेत्र पिण्डरा राजभर बस्ती में शौचालय और आवास को लेकर पंचायत चुनाव में वोट बहिष्कार करने का बैनर अभी से लग गया है। पंचायत चुनाव जल्द से जल्द कराने का शासन ने फैसला ले लिया है लेकिन अभी तक परिसीमन का कार्य पूरा नहींं हो पाया है। क्षेत्र में चर्चा पंचायत चुनाव को लेकर अभी से शुरू हो गयी है। इस कड़ी में तहसील क्षेत्र वाले वोट को लेकर अभी से चर्चाओं में बना हुआ है। यह गांंव तहसील परिसर से पीछे का गांंव है ,जहा अभी से लोगोंं ने वोट बहिष्कार करने के लिए बैनर लगा दिए हैं। गांंव के लोगोंं ने बैनर पर साफ शब्दों में लिखवा दिया है कि जब तक राजभर बस्ती के गरीब विधवाओंं को शौचालय व आवास नहींं है तब तक वोट नही। गांंव वालोंं ने पंचायत चुनाव को लेकर मोर्चा खोल दिया है और वोट बहिष्कार का मन बना लिया है।
गांंव के ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि गांंव में किसी को भी शौचालय नहीं मिला है। यहांं आबादी की जमीन पर कुछ लोगोंं द्वारा जबरदस्ती कब्जा भी किया जा रहा है। जिसको को लेकर हम वोट बहिष्कार कर रहे हैंं। गांंव की विधवा महिला केवलपत्ती का कहना है की हम अठ्ठारह साल से विधवा है हमको सरकार की तरफ से कोई सुविधा नही मिली है जिसकी वजह से हम वोट बहिष्कार कर रहे हैंं। गांंव की विधवा संध्या देवी का कहना है कि मैं 11 वर्षोंं से विधवा हूंं लेकिन आज तक न तो शौचालय मिला है न तो आवास मिला है। गांंव की विधवा शारदा देवी का कहना है कि मै चार साल से विधवा हूंं लेकिन आज तक हमको न तो शौचालय मिला है न आवास मिला है जिसको लेकर हमने वोट बहिष्कार करने का विचार बना लिया है।