चुनावी आहट के पूर्व 15वें वित्त में बड़ी कटौती, कोरोना महामारी ने ग्राम पंचायतों के अरमानों पर फेरा पानी

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल दिसंबर माह तक है। नई पंचायतों के चुनाव को लेकर अफवाहों का दौर भी तेज है। गांवों में अभी से गोलबंदी व दावतों का भी दौर भी शुरू हो गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 01:05 PM (IST)
चुनावी आहट के पूर्व 15वें वित्त में बड़ी कटौती, कोरोना महामारी ने ग्राम पंचायतों के अरमानों पर फेरा पानी
चुनावी आहट के पूर्व 15वें वित्त में बड़ी कटौती, कोरोना महामारी ने ग्राम पंचायतों के अरमानों पर फेरा पानी

मऊ, जेएनएन। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल दिसंबर माह तक है। नई पंचायतों के चुनाव को लेकर अफवाहों का दौर भी तेज है। गांवों में अभी से गोलबंदी व दावतों का भी दौर भी शुरू हो गया है। यानि कुल मिलाकर पंचायतों के लिए खर्चे का समय है। इसको लेकर पंचायतों की निगाह केंद्र सरकार के 15वें व राज्य सरकार के राज्यवित्त पर टिकी हुई थी। ऐसे में देश में कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार ने अपने 15वें वित्त योजना में बड़े पैमाने पर कटौती की है। केंद्र सरकार ने जनपद की 671 ग्राम पंचायतों के लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा एक चौथाई ही धनराशि जारी की है। केंद्र सरकार के इस कदम से कई माह से उम्मीद पाले बैठी पंचायतों के अरमानों पर पानी फिर गया है।

 त्रि-स्तरीय पंचायत के तहत वर्तमान ग्राम पंचायतों का कार्यकाल दिसंबर माह तक है। ऐसे में कई माह से उहापोह का दौर शुरू है कि प्रदेश सरकार कार्यकाल बढ़ाएगी या प्रशासकों को नियुक्त करेगी। अब गांवों में धीरे-धीरे चुनाव की बिसात भी बिछने लगी है। गांवों में उठा-बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। इधर छह माह के बचे कार्यकाल में ग्राम पंचायतों को राज्यवित्त व 15वें वित्त से बड़ी उम्मीदें भी थी। इसका कारण भी यह कि वर्तमान कोरोना की जंग में गांवों में युद्धस्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य भी कराया जा रहा है। जिन गांवों में संक्रमित व्यक्ति मिल जा रहे हैं, वहां खर्चे भी बढ़ जा रहे हैं। पंचायतों की पूरी उम्मीदें वित्त की धनराशि पर टिकी थी। उम्मीदें जताई जा रही थी कि अंत समय में केंद्र सरकार के 15वें वित्त योजना के तहत पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक धनराशि मिलेगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। 15वें वित्त पर कोरोना की काली छाया पड़ी और पिछले किश्त की अपेक्षा एक चौथाई धनराशि ही मिली है।

वित्त वर्ष का हिसाब

14वें वित्त के तहत 60 करोड़ - पिछले वर्ष मिली धनराशि

15वें वित्त के तहत 17 करोड़ - मिली धनराशि

जिले की 564 ग्राम पंचायतों के खातों वेरिफिकेशन करके शासन को भेज दिया गया

जिले की 564 ग्राम पंचायतों के खातों वेरिफिकेशन करके शासन को भेज दिया गया है। इसमें 65 ग्राम पंचायतों के खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है। 15वें वित्त के मद में ग्राम पंचायतों के लिए शासन ने 17 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।

-घनश्याम सागर, जिला पंचायत राज अधिकारी।

स्वच्छता व पेयजल मद में आती है धनराशि

 केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को स्वच्छता व पेयजल मद में सीधे धनराशि दी जाती है। इस धनराशि से पंचायतें गांवों में शुद्ध पेयजल के लिए हैंडपंप की मरम्मत, सोख्ता निर्माण, नाली निर्माण, प्रकाश की व्यवस्था आदि करती हैं। प्रतिवर्ष केंद्र सरकार गांवों में करोड़ों रुपये प्रेषित करती है। इस बार केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर कटौती की है।

15वें वित्त से कराए जाने वाले काम

- ग्राम पंचायतें 50 फीसदी धनराशि स्वच्छता एवं पेयजल के मद पर खर्च करती हैं। इसमें इंडिया मार्का हैंडपंपों की मरम्मत, पानी की टंकी, कीटनाशक छिड़काव, सोख्ता निर्माण आदि कार्य होते हैं।

- 40 फीसदी धनराशि नाली निर्माण, सड़क, खडंजा, सोलर लाइट, पंचायत भवन निर्माण, सामुदायिक शौचालय पर खर्च करती हैं।

- 10 फीसदी धनराशि परिसंपत्तियों के रखरखाव पर खर्च होता है।

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