माई सहेली टीम अब पीडीडीयू कोयला यार्ड की करेंगी निगरानी, दो सब इंस्पेक्टरों के साथ 11 महिला आरक्षी करेंगी गश्त
रेलवे संपत्ति की सुरक्षा में आधी आबादी भी अब पीछे नहीं रहेगी। पीडीडीयू जंक्शन के कोयला यार्ड में इनमें तैनाती की गई है। ये कोयला चोरी पर रोक लगाएंगी। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने माई सहेली टीम का गठन कर दिया है।
चंदौली, जागरण संवाददाता। रेलवे संपत्ति की सुरक्षा में आधी आबादी भी अब पीछे नहीं रहेगी। पीडीडीयू जंक्शन के कोयला यार्ड में इनमें तैनाती की गई है। ये कोयला चोरी पर रोक लगाएंगी। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त ने माई सहेली टीम का गठन कर दिया है। टीम 12.50 किलोमीटर लंबे यार्ड की निगरानी करेगी। दो सब इंस्पेक्टरों के साथ 11 महिला आरक्षियों को दिन रात गश्त के लिए तैनात किया गया है। रात्रि के वक्त आरपीएफ के पुरुष जवान की बी-टीम के रूप में इनकी मदद करेंगे।
जंक्शन यार्ड में रोजाना सैकड़ों की संख्या में कोयला लदी मालगाड़ी पहुंचती है। यहां सन्नाटा रहने की वजह से कोयला चोरों का गिरोह भी सक्रिय हो जाता है। रुकी मालगाड़ियों से कोयला तो उतारते ही हैं, कभी कभार चलती मालगाड़ी से कोयला उतारने लगते हैं। इससे हाईटेंशन तार की चपेट में आने से काल के गाल में भी समा जाते हैं। चोरों के गिरोह में महिलाएं व बच्चे भी शामिल रहते हैं। इस चोरी में पुलिस कर्मियों की भी संलिप्तता सामने आती रही है। इसी चोरी को रोकने के लिए आरपीएफ मेरी सहेली टीम को लगाया गया है। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी संजीव कुमार के नेतृत्व में महिला अवर निरीक्षक अर्चना कुमारी मीना, महिला आरक्षी स्नेहलता व मोनिका पद्दम, प्रधान आरक्षी योगेंद्र सिंह, प्रधान आरक्षी सुनील सिंह दिनरात यार्ड में पेट्रोलिंग करेंगी।
महिला यात्रियों की रक्षा करती है टीम
आरपीएफ मेरी सहेली टीम का गठन ट्रेनों में अकेली सफर करने वाली महिला यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किया गया है। टीम ने अपने कार्य को ईमानदारी से किया भी। अकेली ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिलाओं का नाम पता भी लिखती हैं। ट्रेनों में प्रसव पीड़ा से पीड़ित, बीमार महिला यात्रियों, बच्चों को दूध उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी मेरी सहेली पर है। अब इन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है।
आरपीएफ मेरी सहेली टीम को आगे बढ़ाने के लिए एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई
आरपीएफ मेरी सहेली टीम को आगे बढ़ाने के लिए एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोयला चोरी रोकने के साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
आशीष मिश्रा, कमांडेंट, पीडीडीयू मंडल