नेपाल की जेल में बंद महेंद्र रिहा, रंग लाया बीएचयू के पूर्व छात्र यतीन्द्र का प्रयास

बीएचयू के पूर्व छात्र नेता यतीन्द्र पति पाण्डेय की नजर जब इस मांं पर पड़ी तो उन्होंने विदेश मंत्रालय जाकर महेन्द्र को काउंसलर हेल्प दिलाई उसके बाद वृद्धा मांं को भारतीय दूतावास काठमांडू लेकर चले गए और वहां सीनियर काउंसलर के पी खम्पा से मिले।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 03:56 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 03:56 PM (IST)
नेपाल की जेल में बंद महेंद्र रिहा, रंग लाया बीएचयू के पूर्व छात्र यतीन्द्र का प्रयास
नेपाल की नवलपरासी जेल में चार वर्ष से बंद महेन्द्र वर्मा अब रिहा हो चुके हैंं।

वाराणसी, जेएनएन। नेपाल की नवलपरासी जेल में चार वर्ष से बंद महेन्द्र वर्मा अब रिहा हो चुके हैंं। महेंद्र की मांं अमरावती देवी चार साल से बनारस की सड़कों पर भीख मांंग रही थी। बीएचयू के पूर्व छात्र नेता यतीन्द्र पति पाण्डेय की नजर जब इस मांं पर पड़ी तो उन्होंने विदेश मंत्रालय जाकर महेन्द्र को काउंसलर हेल्प दिलाई उसके बाद वृद्धा मांं को भारतीय दूतावास काठमांडू लेकर चले गए और वहां सीनियर काउंसलर के पी खम्पा से मिले, खम्पा ने महेंद्र से जुड़ी सभी नेपाली  कानूनी अड़चनों के बारे में बताया। महेंद्र सड़क दुर्घटना के मामले में चार वर्ष से बंद था जिसमें एक व्‍‍‍यक्ति की मृत्यु हुई और एक घायल हो गया। इसके बाद नेपाली पुलिस ने महेंद्र को जेल में भेज दिया था। 

वहीं जेल से रिहा महेंद्र वर्मा का कहना है कि दुर्घटना किसी अन्य गाड़ी ने कर दी और वो वहीं अपनी गाड़ी किनारे खड़ी कर ढाबे के पास चाय पी रहा था। महेंद्र पेशे से ड्राइवर था, वारणसी के फलमंडी से फल लेकर काठमांडू के लिये निकला हुआ था। नेपाल के नवलपुर जिले में ही ये दुर्घटना हो गयी। नेपाली कानून के अनुसार तत्काल हर्जाना 10 लाख रुपये मांगा गया लेकिन महेंद्र का परिवार गरीबी से जूझ रहा था और ऐसा नहीं हो सका। उसे न्यायालय द्वारा चार वर्ष की सज़ा सुना दी गई। महेन्द अपनी सजा पूरी कर चुका था और उसका हर्जाना भी आधा हो गया। यतीन्द्र काठमांडू से लौटते ही उस मांं को लेकर वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा से मिले और उसके बाद ही कोरोना काल शुरू हो गया। इससेे रिहाई की प्रक्रिया कुछ महीनों के लिये थम गई थी।

नेपाल बॉर्डर खुलते ही यतीन्द्र दोबारा डीएम से मिले और उनसे पांच लाख की आर्थिक मदद करने की अपील की। डीएम द्वारा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मुख्यमंत्री कार्यालय में आवेदन कर दिया। इसके बाद यतीन्द्र  महेंद्र की मांं को लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से मिले और समस्या बताई , उपमुख्यमंत्री ने स्थानीय विधायक से मिलने को कहा फिर वाराणसी उत्तरी विधानसभा के विधायक रविन्द्र जायसवाल से मिले और उनके द्वारा महीनों तक आश्वासन के अलावा और कुछ भी नहीं मिला।

स्थानीय विधायक द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं की। महेंद्र की मांं को गरीब सहायता समिति अध्यक्ष रोशनी जायसवाल ने एक लाख रुपये का चेक डीएम वाराणसी के आवास पर उनकी उपस्थिति में दी गयी और कुछ राशि भाजपा युवा मोर्चा की टीम द्वारा गरीब मांं को दिया गया। यतीन्द्र ने बीएचयू के प्रोफेसर लोगों से कुछ राशि लेकर मांं की मदद कराई। बाद में यतीन्द्र ने नेपाल के चौधरी फाउंडेशन से मदद मांगी और फाउंडेशन की डायरेक्टर ने ढाई लाख रुपये के सहयोग करने के लिये हामी भर दी।

फाउंडेशन के नवलपुर के अध्यक्ष श्री राम चन्द्र धितल ने जेल में बंद महेंद्र से मुलाकात की और उसे मदद का भरोसा दिलाया कुछ दिन बाद ही यतीन्द्र अपने पास जुटी रकम को लेकर नेपाल पहुंंच गए। तीन दिन की प्रक्रिया के बाद महेंद्र जेल से रिहा हो गया। जेल के बाहर खड़ी महेंद्र की वृद्ध मांं जब उससे मिली तो बहुत ही मार्मिक दृश्य था। दोनोंं मांं बेटे एक दूसरे से चार वर्ष बाद मिले और गले लगाकर लिपट गए और दोनों की आंंखों में आंंसू था। महेन्द्र की पत्नी भी जिससे महेंद्र की शादी पांच वर्ष पूर्व हुई थी वो भी बहुत खुश हो चुकी है। बचपन मे ही पिता चल बसे थे अकेले मांं और पत्नी का रखवाला था। वृद्ध मांं अमरावती देवी चौधरी फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र धितल और यतीन्द्र व युवा समाजसेवी विकास शाह को मांं ने बहुत सारा आशीर्वाद दिया। यतीन्द्र ने चौधरी फाउंडेशन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र से विशेष धन्यवाद दिलवाने के लिये कहा है। 

chat bot
आपका साथी