Mahatma Gandhi Kashi vidyapith : परीक्षा की समय सारिणी से नहीं, पाठ्यक्रमों से होगा समझौता

कोरोना महामारी में उच्च शैक्षिक संस्थानों के लिए सत्र नियमित बनाए रखना चुनौती है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अभी से मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में कटौती कर मार्च 2021 में ही परीक्षाएं कराने पर विचार किया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 10:03 AM (IST)
Mahatma Gandhi Kashi vidyapith : परीक्षा की समय सारिणी से नहीं, पाठ्यक्रमों से होगा समझौता
काशी विद्यापीठ में निर्धारित परीक्षा की समय सारिणी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी में उच्च शैक्षिक संस्थानों के लिए सत्र नियमित बनाए रखना चुनौती है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अभी से मंथन शुरू कर दिया है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में कटौती कर मार्च 2021 में ही परीक्षाएं कराने पर विचार किया जा रहा है। निर्धारित परीक्षा की समय सारिणी से कोई समझौता नहीं किया जाएगा ताकि कोरोना से छात्रों का कोई नुकसान न हो।

वर्तमान शैक्षणिक सत्र के चार माह कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गए। यूजीसी ने अब नया अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों को स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न कोर्सों में 31 अक्टूबर तक दाखिला पूर्ण करने का निर्देश है। यूजी-पीजी के प्रथम खंड की कक्षाएं पहली नवंबर से शुरू करने का निर्देश है। वर्तमान सत्र को नियमित बनाए रखने के लिए मार्च-2021 के दूसरे सप्ताह में परीक्षाएं कराने को भी कहा है।

काशी विद्यापीठ, संस्कृत विश्वविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालय दाखिला जल्द से जल्द पूरा करने में जुटे हुए हैं। यूपी कालेज दाखिले की काउंसिलिंग इसी माह में कराने की तैयारी में जुटा हुआ है। काशी विद्यापीठ व हरिश्चंद्र पीजी कालेज में प्रवेश परीक्षाओं का दौर जारी है। ऐसे में 31 अक्टूबर तक दाखिला पूर्ण होना संभव नहीं है। यही हाल संस्कृत विश्वविद्यालय का भी है। यहां आनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि पांच नवंबर तक बढ़ा दी गई है। काउंसिलिंग अब 18 से 21 नवंबर तक होगी। पठन-पाठन नवंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है।

सेमेस्टर पाठ्यक्रमों के लिए चुनौती

काशी विद्यापीठ, संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू है। ऐसे में वर्ष में दो बार परीक्षाएं होती है। गत सत्र में परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में हुईं थीं। वर्तमान सत्र में जनवरी-फरवरी 2021 से पहले ऐसा संभव ही नहीं है। सेमेस्टर परीक्षा के लिए न्यूनतम 90 दिन क्लास की अनिवार्यता है।

बैठक में यूजी-पाठ्यक्रमों में कटौती का प्रस्ताव रखा जाएगा

नवंबर के प्रथम सप्ताह में हेड-डीन की बैठक प्रस्तावित है। इसमें यूजी-पाठ्यक्रमों में कटौती का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। हालांकि विद्या परिषद की स्वीकृति के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

-डा. साहब लाल मौर्य, कुलसचिव काशी विद्यापीठ

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