Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth : पांच हजार अभ्यर्थियों को भेजा एसएमएस, आनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निर्धारित सीट से चार गुना अधिक अभ्यर्थियों को 22 से 25 सितंबर के बीच प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आनलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत मेरिट के अनुसार चयनित करीब पांच हजार अभ्यर्थियों को पोर्टल पर शैक्षिक व अन्य अभिलेख अपलोड करने के लिए मंगलवार को एसएमएस भेजा गया है। कट आफ मेरिट के अनुसार दस पाठ्यक्रमों में निर्धारित सीट से चार गुना अधिक अभ्यर्थियों को 22 से 25 सितंबर के बीच प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
काशी विद्यापीठ ने स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में 15 अक्टूबर तक दाखिला पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस क्रम में 20 सितंबर को बीए-आनर्स (मास कम्युनिकेशन), बीए-एलएलबी, बीएससी (आनर्स)-कृषि, बीए, बीकाम, बीएससी (बायो व गणित), बीम्यूज, बीएफए, डिप्लोमा इन वोकल म्यूजिक का कट आफ मेरिट जारी किया था। हालांकि प्रथम चरण में सात पाठ्यक्रमों के अभ्यर्थियों को ही प्रमाणपत्र अपलोड करने का एसएमएस भेजा गया है। बीम्यूज, बीएफए, डिप्लोमा इन वोकल म्यूजिक के अभ्यर्थियों से दूसरे चरण प्रमाणपत्र अपलोड कराए जाएंगे। कुलसचिव ने बताया कि मेरिट से होने वाले बीएससी (टेक्सटाइल्स एंड हैंडलूम), दो वर्षीय कन्नड़ पाठ्यक्रम, डिप्लोमा इन कर्मकांड, डिप्लोमा इन ड्रामा, सॢटफिकेट इन योगा के अभ्यर्थियों को भी चार दिनों भीतर प्रमाणपत्र अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। इस प्रकार 12 पाठ्यक्रमों में आनलाइन काउंसिलिंग शुरू कर दी गई है।
40 फीसद वापस होगा परीक्षा शुल्क
कोरोना महामारी के कारण महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने स्नातक (यूजी)प्रथम खंड व स्नातकोत्तर (पीजी) प्रथम सेमेस्टर के छात्रों को बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया था। विद्यापीठ ने मुख्य परिसर व गंगापुर परिसर के ऐसे छात्रों को परीक्षा शुल्क वापस करने का निर्णय लिया है। इसकी प्रक्रिया मंगलवार से शुरू कर दी गई है। ऐसे में दोनों परिसरों करीब पांच हजार छात्रों को आर्थिक राहत मिल गई है। कोविड काल में परीक्षा रद होने के कारण छात्र शुल्क वापसी की मांग कर रहे थे। इसे देखते हुए वित्त समिति ने 40 फीसद शुल्क समायोजन के रूप में छात्रों को वापस करने की संस्तुति की थी। वित्त समिति का मानना था कि परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है।