महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने 14 संविदा शिक्षकों के सेवा विस्तार को दी हरी झंडी
विद्यापीठ के मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी सोनभद्र परिसर के विभिन्न विभागों में 78 शिक्षक संविदा (कोर फैकल्टी) पर तैनात थे। सभी शिक्षकाें की नियुक्ति संविदा पर पांच वर्षों के लिए की गई है। पांच वर्ष की अवधि 30 जून 2020 को समाप्त हो गई।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने 14 संविदा शिक्षकों की सेवा विस्तार की हरी झंडी दे दी है। इसमें मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर परिसर के भी शिक्षक शामिल है जो स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में संविदा पर कार्यरत थे। इससे पूर्व भी शिक्षकों की मांग रही है कि उनका सेवा विस्तार किया जाए। आखिरकार काफी समय से लंबित मांगों को पूरा कर दिया गया है।
विद्यापीठ के मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर के विभिन्न विभागों में 78 शिक्षक संविदा (कोर फैकल्टी) पर तैनात थे। सभी शिक्षकाें की नियुक्ति संविदा पर पांच वर्षों के लिए की गई है। पांच वर्ष की अवधि 30 जून 2020 को समाप्त हो गई। संविदा समाप्त होने के बाद भी कई माह तक शिक्षकाें की सेवा ली गई। करीब पांच माह बाद नवंबर 2020 में संविदा नवीनीकरण के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने वाक इन इंटरव्यू बुलाने का एलान कर दिया। इसके विरोध में शिक्षक धरने पर बैठ गए थे। उनका दावा था कि 13 मार्च 2020 को जारी शासनादेश संविदा शिक्षकों के सेवा विस्तार का स्पष्ट उल्लेख है।
रिव्यू शासनादेश के खिलाफ है। बहरहाल रिव्यू के माध्यम से विद्यापीठ प्रशासन ने करीब 55 शिक्षकों का संविदा नवीकरण किया। वहीं कुछ शिक्षक न्यायालय की शरण में चले गए। उनका प्रकरण अब भी न्यायालय में लंबित है। पूर्व कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह के नेतृत्व में 3 मई 2020 की कार्य परिषद के निर्णय के आधार पर कुलपति प्रोङ आनंद कुमार त्यागी ने 14 संविदा शिक्षकों का विस्तारीकरण का आदेश जारी कर दिया। वह भी शासनादेश के तहत संविदा पाठ्यक्रम संचालित रहने तक अथवा अधिवर्षिताआयु पूर्ण होने तक विस्तार किया गया है।
इन्हें मिला सेवा विस्तार
डा. सुनीता
डा. सुनील कुमार यादव
डा.वीणा वादिनी अर्याल
डा.अभिलाषा जायसवाल
डा.रमेश कुमार प्रजापति शिक्षाशास्त्र
डा. दिनेश कुमार शिक्षाशास्त्र
डा.चित्रसेन गौतम
डा.सुरेखा जायसवाल
डा.रश्मि सिंह
डा.तारकेश्वर नाथ तिवारी
डा.पुरूषोत्तम लाल विजय
डा. प्रकाश चन्द्र जोशी
डा. महेश कुमार वाणिज्य
डा. मनीष कुमार सिंह