Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth : टाइम टेबल के पेच में फंसा कट आफ, 15 अक्टूबर तक दाखिला पूरा करने का लक्ष्य
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले की काउंसिलिंग तीन दिनों के भीतर शुरू कर सकता है। कट आफ मेरिट भी तैयार है। हालांकि टाइम टेबल के पेच में मेरिट सूची फंसी हुई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले की काउंसिलिंग तीन दिनों के भीतर शुरू कर सकता है। कट आफ मेरिट भी तैयार है। हालांकि टाइम टेबल के पेच में मेरिट सूची फंसी हुई है। स्नातक का टाइम टेबल व कट आफ एक साथ दो दिन के भीतर जारी होने की उम्मीद है। 15 अक्टूबर से पहले दाखिला पूर्ण करने का लक्ष्य है।
काशी विद्यापीठ के 59 पाठ्यक्रमों में से 29 में प्रवेश परीक्षाएं कराई गई थीं। बीपीएड व एमपीएड को छोड़कर 27 पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम जारी किए जा चुके हैं। वहीं काउंसिलिंग की शुरूआत बीए, बीकाम व बीएससी से की जाएगी। इसके तहत मेरिट सूची से चयनित सीट के सापेक्ष चार गुना अधिक अभ्यर्थियों को पोर्टल पर प्रमाणपत्र अपलोड करने का मौका दिया जाएगा। इसकी सूचना एसएमएस व वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी। प्रथम चरण में प्रवेश सेल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का आनलाइन सत्यापन करेगा। इसके बाद मेरिट सूची के क्रम में मैनुअल प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय बुलाया जाएगा। मैनुअल सत्यापन के बाद चयनित अभ्यर्थियों को शुल्क जमा करने के लिए तीन दिन का मौका मिलेगा। निर्धारित अवधि के भीतर शुल्क न जमा करने पर वरीयता क्रम में दूसरे अभ्यर्थी को शुल्क जमा करने का मौका मिलेगा।
पाठ्यक्रम से बाहर हुआ राष्ट्र गौरव व पर्यावरण
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक के पाठ्यक्रम से राष्ट्र गौरव व पर्यावरण अध्ययन अब बाहर हो गया है। पहले स्नातक प्रथम खंड में राष्ट्र गौरव व व द्वितीय खंड में पर्यावरण अध्ययन अनिवार्य था। यही नहीं राष्ट्र गौरव व पर्यावरण में पास होने पर भी स्नातक की डिग्री मिलती थी।
नई शिक्षा नीति के तहत सूबे के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक में न्यूनतम सामान पाठ्यक्रम लागू किया गया है। इस क्रम में काशी विद्यापीठ में भी इसे वर्तमान सत्र से ही लागू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति में स्नातक स्तर पर राष्ट्र गौरव व पर्यावरण की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसके स्थान पर स्नातक स्तर पर तीन अतिरिक्त विषय जोड़े गए हैं। ऐसे में अब स्नातक के विद्यार्थियों को छह विषयों को पढऩा होगा। इसमें तीन मुख्य विषयों के साथ-साथ सहगामी पाठ्यक्रम व कौशल विकास का एक-एक विषय लेना होगा। वहीं एक विषय विद्यार्थी दूसरे संकाय से चयन कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक प्रथम खंड के टाइम टेबल को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। टाइम टेबल जारी होने के बाद विद्यार्थियों के सामने स्थिति और साफ हो जाएगी कि उन्हें स्नातक स्तर पर कौन-कौन से विषय लेकर पढऩे होंगे।
अनिवार्य सहगामी पाठ्यक्रम इस प्रकार है
प्रथम सेमेस्टर : खाद्य, पोषण व स्वच्छता
द्वितीय सेमेस्टर : प्राथमिक चिकित्सा व स्वास्थ्य
तृतीय सेमेस्टर : मानव मूल्य एवं पर्यावरण
चतुर्थ सेमेस्टर : शारीरिक शिक्षा एवं योग
पंचम सेमेस्टर : विश्लेषणात्मक योग्यता व डिजिटल अवेयरनेस
छठा सेमेस्टर : संचार कौशल व व्यक्तित्व विकास