महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रम फंसा दाखिला, 5 नवंबर से पहले प्रवेश पूरा होने की संभावना कम

छात्रों के दबाव में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने स्नातकोत्तर (पीजी) के विभिन्न पाठ्यक्रम में दाखिले की काउंसिलिंग अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। दाखिले की काउंसिलिंग की तिथि को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:19 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:19 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रम फंसा दाखिला, 5 नवंबर से पहले प्रवेश पूरा होने की संभावना कम
काशी विद्यापीठ प्रशासन ने स्नातकोत्तर के विभिन्न पाठ्यक्रम में दाखिले की काउंसिलिंग अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। छात्रों के दबाव में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने स्नातकोत्तर (पीजी) के विभिन्न पाठ्यक्रम में दाखिले की काउंसिलिंग अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है। दाखिले की काउंसिलिंग की तिथि को लेकर अब भी संशय की स्थिति बनी हुई है। जबकि विद्यापीठ प्रशासन ने 30 अक्टूबर तक दाखिला पूर्ण करने का लक्ष्य रखा था। अब 15 नवंबर से पहले दाखिला पूर्ण होने की संभावना काफी कम है। इसके चलते सत्र विलंबित होना तय है।

काशी विद्यापीठ में सुस्त दाखिले की प्रक्रिया से सिर्फ अभ्यर्थी ही नहीं संबद्ध कालेज भी चिंतिंत है। इसके पीछे ज्यादातर अभ्यर्थियों की पहली पसंद विश्वविद्यालयों में दाखिला लेना है। ऐसे में जबतक विद्यापीठ में दाखिला पूर्ण नहीं होगा। तब तक महाविद्यालयों में दाखिला पूर्ण होना संभव नहीं है। संबद्ध कालेज के अध्यापकों का कहना है कि महाविद्यालयों में भी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है लेकिन मेधावी छात्रों की निगाहें विद्यापीठ की काउंसिलिंग पर टिकी हुई हैं। ऐसे अभ्यर्थियों का यदि महाविद्यालयों में दाखिला हो जाता है और बाद में विद्यापीठ, बीएचयू या अन्य विश्वविद्यालयों में दाखिला हो जाएगा ताे वह महाविद्यालयों में बाद में दाखिला छोड़ देते हैं। इसके चलते सीटें रिक्त हो जाती है। ऐसे में महाविद्यालयों को न चाहते हुए भी बाद में रिक्त सीटों पर कांउसिलिंग बुलानी पड़ती है। ऐसे में विद्यापीठ में दाखिले की प्रक्रिया में देरी का असर संबद्ध कालेजों पर पड़ना तय है।

यूपी कालेज में भी दोगुना होगा परीक्षा शुल्क

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यूपी कालेज ने भी वर्तमान सत्र स्नातक स्तर पर नवीन पाठ्यक्रम लागू कर दिया है। इसके तहत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को अब प्रथम व द्वितीय वर्ष तीन विषयों के स्थान पर छह विषय पढ़ने होंगे। वहीं अंतिम दो सेमेस्टर में दो विषय के स्थान पर अब तीन विषय लेकर पढ़ना हाेगा। यही नहीं सेमेस्टर प्रणाली के तहत स्नातक में अब वर्ष में दोबार परीक्षाएं होगी। वर्ष में दोबार परीक्षाएं होने तथा तीन विषय बढ़ने से परीक्षा व शिक्षण में व्यय भार भी बढ़ेगा। ऐसे में अब स्नातक की फीस भी बढ़ेगी। वहीं परीक्षा शुल्क सीधे दोगुना हो जाएगा।यूपी कालेज ने पाठ्यक्रम व शुल्क का नया प्रारूप तैयार कर लिया है। वर्तमान सत्र में दाखिले की काउंसिलिंग के दौरान नई शिक्षा नीति के तहत ही अभ्यर्थियों विषय आवंटित किए जा रहे हैं। इस क्रम में तीन मुख्य विषय के अलावा उन्हेंं माइनर इलेक्टिव, अनिवार्य शैक्षणिक व रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में एक-एक विषय लेना होगा।

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