गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज होगा नाम, शिलापट्ट के लिए शासनादेश का इंतजार

प्रदेश में बने नौ राजकीय मेडिकल कालेजों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण होना है। हालांकि लोकार्पण की तिथि अब तक तीन बार टल चुकी है। फिर नई तिथि घोषित की जानी है। इससे पहले सभी मेडिकल कालेजों का नामकरण किया जाना है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:30 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:30 AM (IST)
गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज होगा नाम, शिलापट्ट के लिए शासनादेश का इंतजार
प्रदेश में बने नौ राजकीय मेडिकल कालेजों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण होना है।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। जिले में नवनिर्मित स्वाशासी राजकीय मेडिकल कालेज का नाम महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कालेज होगा। काफी मंथन के बाद स्थानीय महत्व को देखते हुए शासन ने इसका नामकरण किया है। महर्षि विश्वामित्र के पिता का नाम राजा गाधि था, जिनके नाम पर जिले का नाम गाधिपुर, फिर गाजीपुर पड़ा। हालांकि जिला प्रशासन व मेडिकल कालेज को इससे संबंधित शासनादेश का इंतजार है, ताकि वह इस नाम का शिलापट्ट तैयार करवा सके।

प्रदेश में बने नौ राजकीय मेडिकल कालेजों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण होना है। हालांकि लोकार्पण की तिथि अब तक तीन बार टल चुकी है। फिर नई तिथि घोषित की जानी है। इससे पहले सभी मेडिकल कालेजों का नामकरण किया जाना है। ऐसे में गाजीपुर स्थित राजकीय मेडिकल कालेज के नामकरण के लिए कई नामों का प्रस्ताव था। नामकरण समिति ने इसमें से महर्षि विश्वामित्र का नाम चुना। समिति के प्रस्ताव पर सरकार ने भी अपनी मुहर लगा दी। ऐसे में राजकीय मेडिकल कालेज का नामकरण महर्षि विश्वामित्र के नाम से होगा। प्राचीन काल में महार्षि विश्वामित्र के पिता राजा गाधि की राजधानी गाधिपुरी हुआ करती थी। 1330 में गाधिपुर से इसका नाम गाजीपुर कर दिया गया। महार्षि विश्वामित्र का नाम काफी पहले से गाजीपुर से जुड़ा हुआ है।

बोले अधिकारी : मेडिकल कालेज का नामकरण महार्षि विश्वामित्र के नाम से हो रहा है। इसकी सूचना मिली है। हालांकि इसके लिए शासन के पत्र की प्रतीक्षा हो रही है, ताकि उस नाम का शिलापट्ट व बोर्ड तैयार कराया जा सके। - डा. राजेश कुमार सिंह, प्रधानाचार्य राजकीय मेडिकल कालेज।

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