Varanasi cantt station पर 70 दिनों से फंसे यात्रियों को महाराष्ट्र सरकार ने लेने से किया इन्कार, यात्रियों से मांग रही प्रमाण
स्टेशन पर 70 दिनों से फंसे यात्रियों को महाराष्ट्र सरकार ने लेने से किया इन्कार सरकार यात्रियों से प्रमाण मांग रही है।
वाराणसी, जेएनएन। कैंट स्टेशन पर 70 दिनों तक फंसे यात्रियों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई। यहां से जाने के बाद उन्हेंं महाराष्ट्र सरकार ने लेने से इन्कार कर दिया। मजबूरन उन्हेंं मनमाड (महाराष्ट्र) स्टेशन के बाहर भटकना पड़ रहा है। इसके पूर्व दो जून को विशेष ट्रेन से महाराष्ट्र के 21 यात्रियों को वाराणसी जंक्शन से विदाई दी गई थी। यहां सभी यात्री 23 मार्च से प्रभावी लॉकडाउन में 70 दिनों तक फंसे थे। स्थानीय प्रशासन ने सुधि लेते हुए सभी यात्रियों को घर भेजने का प्रबंध किया। मिली जानकारी के अनुसार दोनों सरकारों के बीच डॉक्यूमेंटेशन नहीं हुआ था। लिहाजा महाराष्ट्र सरकार यात्रियों से प्रमाण मांग रही है।
दूसरी ओर कैंट रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को रोज की अपेक्षा ज्यादा भीड़ थी। विभिन्न स्थानों के लिए रोज की अपेक्षा अधिक यात्री गए। एक जून से घोषित ट्रेनों में शामिल साबरमती स्पेशल के रूप में वाराणसी जंक्शन से चौथी ट्रेन का भी संचालन शुरू हो गया है। पहले दिन गुरुवार को इस ट्रेन को औसत से भी कम यात्री मिले। 350 से अधिक यात्रियों को लेकर यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर नौ से रवाना हुई। इसके अलावा यहां से बनकर गुजरी महानगरी स्पेशल, कामायनी स्पेशल और महामना स्पेशल ट्रेनों में रोज की तुलना में अधिक यात्री रवाना हुए। महानगरी स्पेशल ट्रेन से करीब 1100 यात्री मुंबई के लिए प्रस्थान किए। उधर, सुबह दिल्ली से मंडुआडीह आने वाली 02560 शिवगंगा ट्रेन में 1317 यात्री मंडुआडीह स्टेशन पर पहुंचे जिनकी थर्मल स्कैनिंग कर उन्हेंं स्टेशन परिसर से बाहर भेजा गया। गुरुवार की शाम मंडुआडीह से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की दो लाइन लगाकर उन्हेंं प्रवेश करने दिया गया। इस दौरान उनकी थर्मल स्कैनिंग की गई। शिवगंगा 02559 से 665 यात्री दिल्ली को रवाना हुए।
महामना से जाना था दिल्ली, गलती से पहुंची शिवगंगा ट्रेन में
दिल्ली की रानी बाग की रहने वाली नीलम का ई-टिकट महामना एक्सप्रेस से था लेकिन वे गलती से शिवगंगा एक्सप्रेस के एस 9 कोच में बैठ गई। जब तक उक्त युवती को अपनी गलती का अहसास हुआ तब उसने आरपीएफ के हेड कांस्टेबल से मदद मांगी। हेड कांस्टेबल ने जब मोबाइल पर ई-टिकट देखा तो उसने पूछा की आप स्टेशन परिसर में कैसे आ गई तो युवती ने बताया कि मेरा टिकट चेक कर व थर्मल स्कैनिंग करवाकर ट्रेन में भेजा गया। युवती ने बताया कि वह अपनी बहन को बनारस छोडऩे आई थी और कैंट की जगह गलती से मंडुआडीह स्टेशन आ गई। लेकिन चेकिंग के दौरान नीलम का टिकट महामना एक्सप्रेस का होते हुए भी किसी ने नहीं रोका। खैर उसे शिवगंगा से ही दिल्ली के लिए रवाना किया गया।