बोले महंत परमहंस दास - ' पुलिस न बचाती तो महंत नृत्यगोपाल दास के समर्थक मुझे मार डालते'
श्रीराम जन्मभूमि पर आए फैसले के बाद किसी ने सोचा नहीं था कि बनने वाले ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संत-महात्मा मारपीट पर उतारू हो जाएंगे।
वाराणसी, जेएनएन। श्रीराम जन्मभूमि पर आए फैसले के बाद किसी ने सोचा नहीं था कि बनने वाले ट्रस्ट को लेकर अयोध्या के संत-महात्मा मारपीट पर उतारू हो जाएंगे। अयोध्या में संतों की लड़ाई आग इतनी बढ़ी कि शनिवार को उसकी आंच काशी पहुंच गई। अयोध्या से काशी पहुंचे महंत परमहंस दास ने आरोप लगाया कि मुझे पुलिस ने समय पर निकाला होता तो महंत नृत्यगोपाल दास के समर्थकों ने मुझे मार डाले होते। मेरी जान को खतरा है। इसलिए मैं यहां से निकल रहा हूं। इसके बाद वह काशी से प्रस्थान कर सीरगोर्वधन गांव जा पहुंचे।
वहां एक भक्त के आवास पर मीडिया से कहा कि मैं संतों की मौजूदगी में विधिपूर्वक पूरी प्रक्रिया के बाद महंत बना। अपने गुरु सर्वेश्वर दास के लिखित आदेश पर ही महंत पद से हटूंगा। कहा यह उनके गुरु की ओर से लिया गया फैसला नहीं बल्कि इसके पीछे छोटी छावनी के महंत और राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और उनके उत्तराधिकारी कमल नयन दास के दबाव में आकर लिया गया फैसला है।
नृत्य गोपालदास जब मेरी हत्या में नाकाम हो गए तब मुझे महंत पद से हटाने की साजिश की। अयोध्या वापस लौटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रभु राम ने वनवास काटा था मैं भी उसी तरह वनवास काट रहा हूं और जब तक उनको सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिल जाती तब तक वह अयोध्या वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने राममंदिर ट्रस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को शामिल करने की पैरवी की।