Magh Poornima 2021 : गंगा सहित प्रमुख नदियों में पुण्य की डुबकी, मंदिरों में उमड़ी आस्था
माघ पूर्णिमा के मौके पर आस्थावानों की कतार सुबह से ही गंगा घाटों पर नजर आई। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आस्थावानों का रेला पूर्वांचल में सुबह से ही गंगा और सरयू सहित गोमती आदि नदियों पर नजर आने लगा।
वाराणसी, जेएनएन। माघ पूर्णिमा के मौके पर आस्थावानों की कतार सुबह से ही गंगा घाटों पर नजर आई। पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आस्थावानों का रेला पूर्वांचल में सुबह से ही गंगा और सरयू सहित गोमती आदि नदियों पर नजर आने लगा। आस्था का रेला ऐसा उमड़ा कि नदियों के दोनों छोर पर पुण्य की डुबकी लगाने और दान पुण्य की होड़ मच गई। हालांकि, सुबह अधिक भीड़ होने के बाद दिन चढ़ते ही नदियों से लोगों का मंदिरों तक सफर हुआ और मंदिरों में आस्था दिन चढ़ने तक परवान चढ़ी रही।
वाराणसी में सुबह से ही गंगा घाटों पर आस्था का रेला उमड़ा तो घाट हर हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। नदियों से लेकर मठों मंदिरों तक हर हर गंगे और हर हर महादेव की गूंज उठती रही। बाबा दरबार से लेकर विभिन्न मंदिरों में आस्था की कतार दिन चढ़ने तक लगी रही। भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी के तट पर स्नानार्थियों की भीड़ रही तो आजमगढ़, मऊ और बलिया में सरयू के तट पर भी आस्था गुलजार रही। जबकि वाराणसी में गंगा गोमती संगम स्थली कैथी में भी स्नान करने वालों की सुबह से ही कतार लगी रही। इसके अतिरिक्त पूर्वांचल की सोन और गोमती आदि नदियों के किनारे भी आस्था से ओतप्रोत नजर आए।
सुबह माघ पूर्णिमा स्नान के बाद आस्थावानों में मंदिरों में दर्शन पूजन के अतिरिक्त दान पुण्य भी किया। आस्था की कतार गरीबों को दान के दौरान भी नजर आई। अन्न धन और वस्त्रादि दान की मान्यता होने की वजह से लोगों ने मंदिरों में दान के अलावा गरीबों को भी स्नान के बाद दान की परंपरा का निर्वहन किया। दिन चढ़ने तक स्नान दान की परंपरा का निर्वहन करके ही लोग अपने अपने घरों का रुख किए।