सबसे लंबी गैस पाइप लाइन से मोदी-योगी के क्षेत्र में पहुंचेगी एलपीजी, टेंडर प्रक्रिया पूरी
गुजरात के कांडला से गोरखपुर तक बिछाई जा रही विश्व की सबसे बड़ी पाइपलाइन के अस्तित्व में आते ही यह बंद हो जाएगा। पाइपलाइन प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में शिलान्यास किया था। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जमीन के लिए वाराणसी में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। बनारस में एलपीजी (रसोई गैस) की किल्लत की समस्या बहुत कम है, लेकिन जहां कहीं भी ऐसी समस्या है वह पीएम मोदी व सीएम योगी के क्षेत्र में पाइपलाइन से सीधे इंडियन आयल के प्लांट में पहुंचने वाली एलपीसी से निकट भविष्य में समाप्त होने जा रही है। विभिन्न राज्यों से एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) अब तक टैंकर से आती है, मगर गुजरात के कांडला से गोरखपुर तक बिछाई जा रही विश्व की सबसे बड़ी पाइपलाइन के अस्तित्व में आते ही यह बंद हो जाएगा। पाइपलाइन प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में शिलान्यास किया था। टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जमीन के लिए वाराणसी में प्रथम चरण की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
कवर होंगे 22 बाटलिंग प्लांट
सीधी पाइपलाइन से रसोई गैस वाराणसी स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन के प्लांट से होते हुए गोरखपुर तक पहुंचेगी, जिसमें तीन राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश व यपूी के 22 बाटलिंग प्लांट आएंगे। इस पाइपलाइन के लिए रेलवे, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे अथारिटी, कैनाल, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित अन्य विभागों से स्वीकृति प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है।
जिलों में जमीन की अधिसूचना जारी
आइएचबी (पाइपलाइन) के जीएम फैजल हसन बताते हैं कांडला से गोरखपुर की यह विश्व की सबसे लंबी एलपीजी पाइपलाइन है, जो 2800 किलोमीटर तक लंबी है। इसके लिए वाराणसी के साथ ही अन्य जिलों में जमीन के लिए पिछले माह अधिसूचना जारी की चुकी है। अब दूसरे चरण की अधिसूचना प्रक्रिया चल रही है।
तीनों तेल कंपनियों के प्लांट को गैस
इंडियन आयल कारपोरेशन लि. संयंत्र के डीजीएम संजय त्रिपाठी बताते हैं कि इस पाइपलाइन से आइओसीएल संग हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन व भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. के प्लांट को गैस मिलेगी। बताया कि फिलहाल वाराणसी में टैंकर (कैप्सूल) में मथुरा, कांडला, पारादीप, गुना, हल्दिया से गैस मंगाते हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने पर अन्य राज्यों से गैस मंगाने, टैंकर के जाम फंसने या दुर्घटना की आशंका भी खत्म हो जाएगी। वहीं बनारस, आजमगढ़, मीरजापुर, गोरखपुर मंडल के 16 जिलों में गैस पहुंचाने की प्रक्रिया आसान होगी।
यह भी जानें
10000 : करोड़ की लागत की योजना
2800 : किलोमीटर लंबी पाइपलाइन
13 : बाटलिंग प्लांट यूपी के लाभान्वित
06 : बाटलिंग प्लांट एमपी के शामिल
03 : बाटलिंग प्लांट होंगे गुजरात के
4600 : टन का काशी का बाटलिंग प्लांट
40 : हजार गैस सिलेंडर भरने की क्षमता