वाराणसी में भी चिंता कम नहीं, अदालत में पाक्सो के 919 और दुष्कर्म के 201 मामलों की सुनवाई लंबित

वाराणसी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी दुष्‍कर्म जैसे मामलों में प्रशासनिक सजगता के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 10:23 AM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 03:15 PM (IST)
वाराणसी में भी चिंता कम नहीं, अदालत में पाक्सो के 919 और दुष्कर्म के 201 मामलों की सुनवाई लंबित
वाराणसी में भी चिंता कम नहीं, अदालत में पाक्सो के 919 और दुष्कर्म के 201 मामलों की सुनवाई लंबित

वाराणसी, जेएनएन। हैदराबाद में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना के बाद पुलिस ने जिस तरह आरोपितों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया, इसको लेकर अलग - अलग प्रतिक्रियाएं चल रही है। वाराणसी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के बाद भी प्रशासनिक सजगता के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। दैनिक जागरण ने इस बाबत पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई।  

वाराणसी में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) की अदालत में बच्चे- बच्चियों से यौन उत्पीडऩ से जुड़े 919 मुकदमें विचाराधीन हैं। पाक्सो (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) इस अधिनियम के वर्ष 2012 में प्रभावी होने के बाद स्थानीय न्यायालय में वर्ष 2013 में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत की शुरुआत हुई। प्रारंभ में पॉक्सो के मुकदमों की संख्या कम थी लेकिन समय बीतने के साथ संख्या में बढ़ोतरी होती गई। 

54 मामलों में आरोप पत्र दाखिल, 697 प्रकरण में चल रही गवाही

नवंबर 2019 माह में 54 मुकदमों में जिले के विभिन्न थानों की ओर से आरोपितों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किये गए। मुकदमों की सुनवाई के बीच अदालत में प्रतिदिन लगभग आधा दर्जन मुकदमों में गवाहों के बयान तथा उनसे जिरह की कार्रवाई होती रहती है। लगभग 697 मुकदमों में अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही चल रही है। पॉक्सो अधिनियम के साथ हत्याके कुछ मुकदमे शामिल हैं जिनकी सुनवाई विचाराधीन है।

11 महीने में 15 अभियुक्तों को अदालत ने दी सजा

इस वर्ष में अब तक 15 मुकदमों में अभियुक्तों को अदालत दंडित कर चुकी है। कुछ ऐसे भी मामलें हैं जिसमें गवाहों के पक्षद्रोही होने का लाभ आरोपितों को मिला और वे दोषमुक्त हो गए।

10 दुष्कर्मियों को मिल चुकी सजा

ऐसे ही फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्रुतगामी न्यायालय) में दुष्कर्म (भारतीय दंड संहिता की धारा 376) के 201 मुकदमों की सुनवाई चल रही है। इनमें चौबेपुर तथा सारनाथ थाना में दुष्कर्म के साथ हत्या के दर्ज दो मुकदमे शामिल हैं। इस वर्ष में अब तक दस मुकदमों में अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुना चुकी है। इस अदालत में नाबालिग तथा बालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के अपराध के लगभग 112 मुकदमों की सुनवाई चल रही है। जिला तथा पुलिस प्रशासन द्वारा समय-समय पर दोनों अदालतों में लंबित इन मुकदमों की बराबर मानिटरिंग भी होती रहती है। पॉक्सो से जुड़े मुकदमों की प्रदेश सरकार विशेष रूप से निगरानी रखता है। 

जिला जज संग अपर मुख्य गृह सचिव ने की थी बैठक

अदालतों में लंबित मुकदमों विशेष कर पॉक्सो के मुकदमों की त्वरित सुनवाई तथा निस्तारण को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने एक माह पू्र्व पांच अक्टूबर को दीवानी कचहरी में जिला जज उमेश चंद्र शर्मा के साथ-साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठक की। उन्होंने विशेष रुप से पॉक्सो के लंबित मुकदमों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया था। अवनीश अवस्थी ने दुष्कर्म, गैंगस्टर तथा हत्या जैसे गंभीर आपराधिक मामलों के भी निस्तारण में सभी अहम बिंदुओं पर चर्चा करते हुए इसमें गति लाने का जिले के सभी अधीनस्थ प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया।थानों में दर्ज मुकदमों की विवेचना तथा अदालत में तिथियों पर गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर भी जोर दिया ताकि अनावश्यक रूप से सुनवाई विलंबित न हो। समय-समय पर अभियोजन पक्ष की पैरवी की मानीटरिंग करने का अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया ताकि पीडि़त पक्ष को न्याय मिलने में विलंब न हो। 

दुष्कर्म के कुछ चर्चित प्रकरण

मऊ से बसपा सांसद अतुल राय पर यूपी कालेज की एक पूर्व छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एक मई 2019 को लंका थाने में मुकदमा कायम कराया था। पुलिस के बढ़ते दबाव पर बसपा सांसद ने सरेंडर कर दिया था। बीते छह माह से अतुल राय जेल की सलाखों के पीछे है। यहां तक की बसपा सांसद अभी तक संसद सदस्य की शपथ भी नहीं ले पाया। बीते दिनों हाईकोर्ट ने भी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। 

फ्रांस की वृद्ध महिला से हुए दुष्कर्म के बाद हिल गई थी पुलिस

फ्रांस की एक वृद्ध महिला वाराणसी में बीते लगभग 40 वर्षों से रहकर समाजसेवा के कार्यों से जुड़ी थीं। वह रोहनिया के शूलटंकेश्वर इलाके में रहती थीं। दो साल पहले जून में वह जब अपने कमरे में गईं तो नशे में धुत चौकीदार ने उनकी अस्मत पर हाथ डाला। उनके साथ मारपीट की। दुष्कर्म व लूटपाट के बाद आरोपित चौकीदार भाग निकला था। पुलिस ने आरोपित को चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया था।

- दिसंबर 2017 में अर्जेंटीना की एक महिला से गंगा पार रेती में उस समय गैंगरेप का प्रयास हुआ जब वह ध्यानमग्न थी। उक्त विदेशी अर्जेंटीना से 12 वर्ष पहले बनारस आई थीं। यहीं पर रविंद्रपुरी में उन्होंने अपना ठिकाना बनाया। गरीब बच्चों की सेवा करने वाली महिला से गैंगरेप की कोशिश ने गंगापार की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा किया था। 

- गांव दिखाने के नाम पर लूट ली थी विदेशी महिला की इज्जत- घटना फरवरी 2019 की है। कनाडा की एक युवती बनारस घूमने आई थी। घाट पर घूमने के दौरान उसकी दोस्ती मुगलसराय के एक युवक से हुई। अपना गांव घुमाने के नाम पर विदेशी युवती को अपने घर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।

- अप्रैल 2019 में मुंशी घाट के समीप 17 साल की किशोरी को अगवा करके उसके साथ गैंगरेप किया गया था। वह कोचिंग के लिए निकली थी जब उसके साथ वारदात हुई थी। इस घटना से कुछ महीने पूर्व महमूरगंज में भी कक्षा नौ की छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। 

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