वाराणसी में अक्षय तृतीया पर भगवान ऋषभदेव का गन्ने के रस से किया गया अभिषेक
जैन धर्म को मानने वालों के अलावा अन्य लोग भी मौजूद रहे लेकिन कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए आयोजन को मान्यता के अनुरूप सीमित स्तर पर ही मनाया गया। लोगों ने गन्ने के रस से अभिषेक कर भगवान ऋषभदेव से देश की सुख समृद्धि की कामना भी की गई।
वाराणसी, जेएनएन। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर शुक्रवार को मैदागिन स्थित श्री बिहारी लाल दिगंबर जैन मंदिर में परम्परानुसार सविधि भगवान ऋषभदेव जी का गन्ने सहित अन्य फलों के रस से अभिषेक किया गया। अक्षय तृतीया के दिन गन्ने के रस से भगवान ऋषभदेव का गन्ने के रस से अभिषेक करने की परंपरा रही है। वाराणसी से उनके जुड़ाव को देखते हुए यहां पर होने वाला आयोजन काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों को देखते हुए इस वर्ष परंपराओं का मात्र निवर्हन किया गया है।
आयोजन के दौरान जैन धर्म को मानने वालों के अलावा अन्य लोग भी मौजूद रहे लेकिन कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए आयोजन को मान्यता के अनुरूप सीमित स्तर पर ही मनाया गया। लोगों ने गन्ने के रस से अभिषेक कर भगवान ऋषभदेव से देश की सुख समृद्धि की कामना भी की गई। परंपराओं के अनुरूप ही सविधि पूजन अर्चन की परंपरा का निर्वहन किया गया।
इस अवसर पर वाराणसी के भूपेंद्र कुमार जैन, नेमचंद जैन, विजय कुमार जैन, विनोद कुमार जैन सहित कई जैन मतावलंबी मौजूद रहे। जिनके द्वारा कोविड 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए भगवान ऋषभदेव जी का सविधि पूजन अर्चन किया गया। इस बाबत भूपेंद्र कुमार जैन ने बताया कि भगवान ऋषभदेव जी ने 14 महीने के तपस्या के बाद अक्षय तृतीया के अवसर पर गन्ने के रस से पारन किया था। इसी क्रम में प्रतिवर्ष भगवान ऋषभदेव जी का गन्ने के रस से अभिषेक करने की परम्परा है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए आयोजन को काफी सीमित स्तर पर मनाया गया है।