Lockdown Crisis अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर अब सरकारी स्कूलों में करवा रहे दाखिला
Lockdown Crisis लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर अब सरकारी स्कूलों में दाखिला करवा रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। कोविड-19 का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। वहीं इसका दुष्प्रभाव समाज में अभी से दिखना शुरू हो गया है। करीब दो माह के लॉकडाउन ने अच्छे-अच्छे लोगों की कमर तोड़ दी है। ऐसे लोगों को अब परिवार का भरण-पोषण भारी पड़ रहा है। इसे देखते हुए तमाम अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर उनका दाखिला अब सरकारी स्कूलों में करवा रहे हैं। खास बात यह है कि कल तक जिन अभिभावकों को अपने बच्चे का भविष्य निजी स्कूलों में दिख रहा था। वहीं अब सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों की भविष्य तलाश रहे हैं।
बीएसए राकेश सिंह के मुताबिक हरहुआ स्थित एक अभिभावक के दो बच्चे चांदमारी स्थित एक निजी कान्वेंट स्कूल में पढ़ते थे। वह प्राइवेट संस्थान में नौकरी कर रहे हैं। आर्थिक संकट को देखते हुए उन्होंने अपने बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालय (दांदूपुर) में करा दिया है। उनका बच्चों का दाखिला लिया है। इसी प्रकार ङ्क्षप्रङ्क्षटग प्रेस में काम करने वाले एक अभिभावक ने निजी स्कूल से अपने बच्चे का नाम हटा कर कक्षा दो में प्राथमिक विद्यालय कराए हैं। यह तो एक बानगी है ऐसे तमाम अभिभावक अब अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों से कटा कर परिषदीय विद्यालयों में लिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके पीछे सरकारी विद्यालयों का बदलता परिवेश भी है। कहा कि दांदूपुर के हेडमास्टर शैलेंद्र विक्रम ङ्क्षसह ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से अब तक ऐसे आठ बच्चों का दाखिला करा चुके हैं जो अब तक निजी कान्वेंट स्कूलों में पढ़ रहे थे।
श्रम विभाग भी तैयार कर रहा डेटा
कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए अब तक जनपद में करीब 27000 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर बनारस आ चुके हैं। इनके लिए जनपद में दो सेंटर बनाए गए हैं। एक हरहुआ स्थित गोकुल धाम व दूसरा मिर्जामुराद स्थित केआइटी। श्रम विभाग दोनों सेंटरों पर प्रवासी मजदूरों का डेटा एकत्र करने में जुटा हुआ है ताकि उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। श्रम विभाग इसके लिए बीएसए कार्यालय का भी सहयोग ले रहा है।
प्रवासी मजदूरों के बच्चों का भी दाखिला
दूसरे प्रांतों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के बच्चों का दाखिला परिषदीय विद्यालयों में कराया जाएगा। बीएसए राकेश ङ्क्षसह के मुताबिक जनपद के आठों ब्लाक में विभिन्न कक्षाओं में अब तक प्रवासी मजदूरों के करीब बच्चों का दाखिला कराया जा चुके हैं। उन्हें मुफ्त पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जा रही है।