वाराणसी में पांच साल बाद खुला कोनिया की बड़ी मस्जिद का ताला, सभी ने साथ अदा की नमाज
वाराणसी के विजयीपुरी-कोनिया स्थित बड़ी मस्जिद का ताला पांच साल बाद तोड़कर मंगलवार को पुलिस ने बरेलवी मसलक के परवेज सिद्दिकी को कब्जा दिलाया। अपर नगर मजिस्ट्रेट पंचम महेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत के आदेश का पालन कराने के बाद एहतियातन मस्जिद के इर्द-गिर्द फोर्स तैनात कर दी गई है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। विजयीपुरी-कोनिया स्थित बड़ी मस्जिद का ताला पांच साल बाद तोड़कर मंगलवार को पुलिस ने बरेलवी मसलक के परवेज सिद्दिकी को कब्जा दिलाया। अपर नगर मजिस्ट्रेट पंचम महेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत के आदेश का पालन कराने के बाद एहतियातन मस्जिद के इर्द-गिर्द फोर्स तैनात कर दी गई है। साथ ही बरेलवी और देवबंद मसलक के लोगों से शांति और कानून व्यवस्था को कायम रख पुलिस का सहयोग करने की अपील की गई।
इसी के साथ बरेलवी व देवबंद मसलक के बीच चले आ रहे विवाद पर भी विराम लग गया। मस्जिद की साफ-सफाई करने के बाद अस्र, मगरिब व इशा की नमाज दोनों मसलक के लोगों ने साथ अदा की। दोनों ही मसलक के लोग ताला खुलने से खुश नजर आए। इस दौरान युवाओं को किसी भी तरह का जश्न मनाने से मना किया गया। मिल्लत के साथ सभी से नमाज अदा करने की अपील की गई।
पांच वर्ष पहले पुलिस ने दी थी विवाद की रिपोर्ट
थानाध्यक्ष आदमपुर की ओर से 4 अप्रैल 2016 को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 145 के तहत चालानी रिपोर्ट दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार विजयीपुरा कोनिया स्थित बड़ी मस्जिद को लेकर देवबंदी और बरेलवी मसलक के बीच मुतवल्ली को लेकर विवाद है। इसके चलते मस्जिद पर कब्जे और उसमें बनी दुकानों की किरायेदारी को लेकर विवाद चल रहा है। बार-बार समझाने के बाद भी दोनों पक्ष मानने को तैयार नहीं हैं। रंजिश इस तरह की है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे की हत्या कर सकते हैं। थानाध्यक्ष ने अदालत से अनुरोध किया था कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 146 के तहत विवादित मस्जिद और उसकी दुकानों को कुर्क कर दिया जाए। 8 अप्रैल 2016 को तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट ने मस्जिद और उसकी दुकानों को कुर्क करने का आदेश पारित कर दिया था।
साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका दूसरा पक्ष
अपर नगर मजिस्ट्रेट पंचम की अदालत के आदेश के अनुसार दोनों पक्षों की ओर से प्रस्तुत पत्रावलियों और साक्ष्यों का अवलोकन किया गया। उत्तर प्रदेश ट्रिव्यूनल वक्फ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिद के संबंध में जारी आदेश के क्रम में उसकी कुर्की की कार्रवाई का आदेश वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही मस्जिद समिति के प्रबंधक व प्रथम पक्ष के परवेज सिद्दिकी को मस्जिद के कब्जे का आदेश दिया गया है। दूसरा पक्ष ऐसा कोई साक्ष्य या तथ्य नहीं प्रस्तुत कर सका जिससे कि प्रथम पक्ष का दावा खारिज किया जा सके।