भारत के नक्शे में नई पहचान दिलाने के लिए नीति आयोग को लिखा पत्र, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी की पहल

रेवती क्षेत्र के अघइला गांव के रहने वाले भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा के अधिकारी व वर्तमान में मुरादाबाद डिवीजन में डीआरएम पद पर कार्यरत निर्भय नारायण सिंह ने पत्र में बलिया के तेज विकास के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 05:10 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 05:10 PM (IST)
भारत के नक्शे में नई पहचान दिलाने के लिए नीति आयोग को लिखा पत्र, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी की पहल
बलिया के तेज विकास के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है।

बलिया, जेएनएन। उनकी ख्वाहिश अपनी जन्म व कर्म भूमि बलिया का चहुमुंखी विकास है। अपने संकल्प को साकार करने के लिए वे लंबे समय से प्रयासरत हैं। उन्हें विश्वास है कि एक दिन उनका संकल्प साकार होगा और बलिया को भारत के नक्शे में नई पहचान मिलेगी। अपने प्रयास को मूर्तरूप देने के क्रम में जनपद के मूल निवासी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी निर्भय नारायण सिंह ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत को पत्र लिखा है। पत्र में बलिया की बारीक एवं धरातलीय समस्याओं से उन्हें अवगत कराया है।

मूलरूप से रेवती क्षेत्र के अघइला गांव के रहने वाले भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा के अधिकारी व वर्तमान में मुरादाबाद डिवीजन में डीआरएम पद पर कार्यरत निर्भय नारायण सिंह ने पत्र में बलिया के तेज विकास के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। पत्र में जनपद की लगभग सभी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख है। साथ ही जनपद को स्मार्ट सिटी में शामिल करने की मांग की है।

यह है जिले की स्थिति

पत्र में लिंगानुपात, साक्षरता दर, स्वास्थ्य सेवाएं, किसानों की समस्याएं, पेयजल व गंगा स्वच्छता से जुड़ी समस्या की जानकारी देते हुए अपना अहम सुझाव दिया है। बताया कि 2001 में लिंगानुपात 942 था, जो 2011 में 900 पर आ गया। जिले की साक्षरता दर 70.94 प्रतिशत होने के बावजूद महिला साक्षरता दर मात्र 59 प्रतिशत है। वहीं औसतन महिला कामकाजी आबादी भी 18 प्रतिशत के करीब है। फसल बीमा में भी तमाम विसंगति है जिसे दूर कर किसानों को राहत दी जा सकती है। शहर का गंदा पानी गंगा में जाता है, उससे पहले ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की आवश्यकता है।

बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावी उपाय जरूरी

डीआरएम निर्भय सिंह ने यह भी कहा है कि जनपद में बाढ़ की समस्या गंभीर है। इससे निपटने के लिए प्रभावी उपाय अब जरूरी हो गया है। पिछले वर्ष 10 हजार परिवार की 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि बाढ़ से प्रभावित थी। कटानपीडि़तों के पुनर्वास के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं है। भरौली गोलंबर के पास बनी गंगा पुल व सड़कों की मरम्मत कर माल ढुलाई को सुगम बनाने का भी अनुरोध उन्होंने किया है। बलिया में शिक्षा स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढांचों के प्रति गंभीरता से विचार करने पर जोर दिया है।

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