आइए दो पल गुजारें इन कुंड और तालाबों पर, वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देंगे सौगात

वाराणसी में ऐतिहासिक व पौराणिक कुंडों दुर्गाकुंड लक्ष्मी कुंड मछोदरी कंपनी गार्डेंन आदि को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के बाद अब नमामि गंगे से आठ और स्मार्ट सिटी से बने एक तालाब ने आकार ले लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:50 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:50 AM (IST)
आइए दो पल गुजारें इन कुंड और तालाबों पर, वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देंगे सौगात
वाराणसी के सिगर स्थित चकरा तालाब देख चकरा जाएंगे आप

जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर देश के लिए माडल के तौर पर उभर रहा है। यह जल संचयन की दिशा में एक के बाद एक कदम बढ़ा रहा है। ऐतिहासिक व पौराणिक कुंडों दुर्गाकुंड, लक्ष्मी कुंड, मछोदरी, कंपनी गार्डेंन आदि को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के बाद अब नमामि गंगे से आठ और स्मार्ट सिटी से बने एक तालाब ने आकार ले लिया है। करीब 22 करोड़ की राशि से ये नौ तालाब सजधज कर तैयार हैं।

संत कबीर प्राक्टय स्थल तालाब

सह स्थल लहरतारा में स्थित है। संत कबीर के जन्म स्थल से जुड़ा बताया जाता है। नमामि गंगे योजना से वीडीए ने सुंदरीकरण कार्य कराया। करीब 3.60 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। तालाब की सफाई, घाट निर्माण, रंग-रोगन व हरियाली कार्य हुआ है।

बकरिया कुंड

यह कुंड अलईपुर में स्थित है। यह हिंदुओं का पवित्र तीर्थ है। प्रचलन में बकरिया नाम लिया जाता है। इसको उत्तरार्क या बर्करी कुंड भी कहा जाता है। नमामि गंगे योजना से 1.22 करोड़ रुपये निर्गत हुआ था जिससे वीडीए ने कुंड का सुदंरीकरण कराया है। दीवार, घाट, रास्ता निर्माण, लाइटिंग व रंग-रोगन कार्य कराया गया है।

लक्ष्मी तालाब

मीरापुर बसहीं में स्थित तालाब जर्जर हो चुका था। छठ पूजा जैसे भव्य आयोजन का साक्षी रहा है। नमामि गंगे योजना में 1.37 करोड़ से सुंदरीकरण कार्य कराया गया। पक्का घाट, लाइटिंग, रंग-रोगन से भव्य स्वरूप मिला।

पहडिय़ा तालाब

पहडिय़ा चौराहे से सटा तालाब धार्मिक कार्यों के लिए जाना जाता है। कब्जा व अतिक्रमण से क्षेत्रफल कम हो रहा था। नमामि गंगे योजना से वीडीए ने सुंदरीकरण कार्य कराया। 1.33 करोड़ रुपये खर्च हुए।

आल्हा काल्हा तालाब

परमानंदपुर गांव जो नए परिसीमन में नगरीय क्षेत्र हो गया है। प्राचीन तालाब को नमामि गंगे योजना से वीडीए ने सुदंरीकरण कार्य कराया है। इसमें 2.09 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। मंदिर जीर्णोद्धार संग पक्का घाट व लाइटिंग कार्य हुआ है।

दूधिया तालाब

यह तालाब भी परमानंदपुर गांव के समीप स्थित है। बड़ा रकबा होने से सुंदरता के बाद तालाब की भव्यता देखते बन रही है। नमामि गंगे योजना से वीडीए ने विकास कार्य कराया है जिसमें 2.05 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

रिवा तालाब

अवलेशपुर में रिवा तालाब स्थित है। इसका विशाल क्षेत्रफल लोगों को आकर्षित करता रहा है। इस तालाब को भी नमामि गंगे योजना से वीडीए ने सुंदरीकरण कराया है। इस पर एक करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। घाट मरम्मत, लाइटिंग, रंग-रोगन हुआ है।

करौंदी तालाब

करौंदी में स्थित यह तालाब पंचकोस यात्रा के लिए महत्व रखता है। धर्म यात्रा के दौरान यह जलाशय दो पल ठहरने के लिए आनंददायी स्थल है। नमामि गंगे योजना से वीडीए ने 2.54 करोड़ रुपये खर्च कर सुंदर बनाया है।

चकरा तालाब देख चकरा जाएंगे आप

शहर का पॉश इलाका सिगरा। यहां चकरा नामक प्राचीन तालाब स्थित है। भूमाफियाओं की नजर पड़ी और कचरा व मलबा डालकर तालाब के अस्तित्व को खत्म किया जा रहा था। अखबारों में प्रकाशित खबर के बाद नगर निगम ने संज्ञान में लिया। स्मार्ट सिटी योजना से तालाब का सुंदरीकरण किया गया। दो करोड़ खर्च हुए। अब तालाब को देखकर हर कोई चक्कर खा जा रहा है कि आखिर यह वही तालाब है जो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा था।

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