Covid -19 : कोरोना की दूसरी लहर से मिला सबक, अस्पतालों में किए नए इंतजाम

कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालाें में मरीजों के इंतजाम अच्छे नहीं थे। इंतजाम के अभाव में चिकित्सक भी कोरोना संक्रमितों से दूर भागने लगे थे। अस्पतालों में न आक्सीजन था न ही अन्य संसाधन। गांंव से शहर तक लोग परेशान थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:39 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:39 PM (IST)
Covid -19 : कोरोना की दूसरी लहर से मिला सबक, अस्पतालों में किए नए इंतजाम
कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालाें में मरीजों के इंतजाम अच्छे नहीं थे।

जागरण संवाददाता, बलिया। कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालाें में इंतजाम अच्छे नहीं थे। चिकित्सक भी परेशान होने लगे थे। अस्पतालों में आक्सीजन से लेकर संसाधनों की कमी थी। गांंव से शहर तक लोग परेशान थे। संक्रमितों की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही थी। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। उस स्थिति को देखने के बाद सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में बेहतर कार्य करना शुरू किया है। कोरोनी की तीसरी लहर का सामना करने के लिए जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में भी लगातार संसाधन बढ़ाए जा रहे हैंं। 18 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बलिया आगमन के बाद से कार्य में और भी तेजी आई है। अब गांव से शहर तक के अस्पतालों में ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि विपरीत परिस्थिति में लोगों को उपचार मिल सके।

कहां कितने बेड : बसंतपुर के एल-2 अस्पताल में 55 व फेफना के एल-1 अस्पताल में 75 बेड हैं। जिले में 25 आईसीयू बेड, 301 आक्सीजन वाले बेड स्थापित हैं। आक्सीजन कंसंट्रेटर भी 170 हैं। इसके अलावा जनपद के हर सीएचसी और पीएचसी पर बच्चों के लिए पांच-पांच आक्सीजन युक्त बेड स्थापित किए जाने हैं। फेफना के एल-1 अस्पताल को एल-2 में तब्दील करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

बच्चों का पीकू वार्ड तैयार : जिला अस्पताल में पीकू वार्ड (पीडियाट्रिक इंसेंटिव केयर यूनिट) तैयार हो चुका है। इस वार्ड में भर्ती होने वाले बच्चों को घुटन महसूस न हो, इसके लिए उनके मनोरंजन का इंतजाम भी किया गया है। दीवारों पर कार्टून और कई जानवरों के चित्र बनाए गए हैं। यहां कुल 30 बेड की व्यवस्था की गई है।

700 लीटर आक्सीजन उत्पादन वाला लगा प्लांट : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लड़ने के लिए जिला अस्पताल में 700 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पादन करने वाला प्लांट स्थापित हो गया है। इससे लगभग 176 बेडाें पर 24 घंटे आक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है। इसके अलावा 30 आक्सीजन कसंट्रेटर व 80 आक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं। अभी इमरजेंसी वार्ड में पाइप लाइन से 25 बेड तक आक्सीजन मिल रही है। मेडिकल वार्ड, हडडी, सर्जिकल वार्ड के सभी बेडों तक आक्सीजन पहुंचाने का कार्य अंतिम चरण में है।

हर दिन हो रही 1000 सैंपल की जांच : जिला अस्पताल में स्थापित आरटीपीसीआर लैब से भी लोगों की सुविधाएं बढ़ीं हैं। पहले वाराणसी व गोरखपुर जांच के लिए सैंपल भेजने की विवशता थी, अब वह दिक्कत दूर हो गई है। हर दिन यहां 1000 सैंपल की जांच आसानी से हो जा रही है।

बोले अधिकारी : जिला अस्पताल में पहले से ज्यादा सुविधाएं बढ़ीं हैं। कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए हम हर तरह से तैयार हैं। अब अस्पताल में आक्सीजन की भी कोई कमी नहीं होगी। बेड भी पर्याप्त हैं।  - डा. बीपी सिंह, सीएमएस।

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