47 मीटर कम कर दी वाराणसी के आशापुर आरओबी की लंबाई, निर्माण में हुई धांधली
आशापुर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में भ्रष्टाचार का जिन अब बाहर निकलने लगा है। आरोप है कि राजकीय सेतु निगम ने 681 मीटर लंबे आरओबी को 47 मीटर कम 635 मीटर बना दिया है। साथ ही उसके निर्माण में धांधली हुई है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। आशापुर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में भ्रष्टाचार का जिन अब बाहर निकलने लगा है। आरोप है कि राजकीय सेतु निगम ने 681 मीटर लंबे आरओबी को 47 मीटर कम 635 मीटर बना दिया है। साथ ही उसके निर्माण में धांधली हुई है। शिकायत पर सोमवार को राजकीय सेतु निगम के अभियंता मौके पर जांच करने पहुंचे। मौके पर जेसीबी से तीन स्थानों पर खोदाई कर उसकी गुणवत्ता को परखे। साथ ही अलग-अलग गड्ढों से नमूने भी लिए। आरओबी बनने के साथ जगह-जगह सड़क बैठने और गिट्टी उखडऩे को लेकर सेतु निगम कटघरे में खड़ा है।
तीन साल में बनकर तैयार आशापुर आरओबी की गुणवत्ता को लेकर निर्माण के दौरान से सवाल उठते रहे हैं। क्षेत्रीय लोग गुणवत्ता पर सवाल उठाने के साथ जिला प्रशासन और सेतु निगम के अभियंता से शिकायत करते रहे लेकिन उन अफसरों के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। आरओबी बनने और वाहनों के आवागमन के साथ पोल खुलने लगी। तिलमापुर के पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र का आरोप है कि राजकीय सेतु निगम के डीपीआर में आरओबी 681 मीटर लंबा है लेकिन मौके पर आरओबी को 47 मीटर कम 635 मीटर बना दिया गया है। किसके आदेश पर आरओबी की लंबाई कम की गई।
कैबिनेट में होता है फैसला
कोई भी प्रोजेक्ट फाइनल होने पर कैबिनेट उस पर अंतिम मुहर लगाती है। यदि कोई संशोधन होता है तो भी शासन से मंजूरी लेनी होती है। यहां सेतु निगम के अभियंताओं ने किसके आदेश से आरओबी की लंबाई कम कर दी। जांच में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
डीएम ने गठित की है तीन सदस्यीय जांच समिति
दैनिक जागरण ने आशापुर आरओबी में भ्रष्टाचार की खबर लिखकर सवाल उठाया था। खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपर जिलाधिकारी (नगर) गुलाब चंद्र के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। अपर नगर मजिस्ट्रेट के अलावा लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल भी जांच समिति में है।