टोक्यो ओलंपिक 2021 में चयनित हाॅकी खिलाड़ी ललित को आई स्व. तेजबहादुर की याद
टोक्याे ओलंपिक के लिए चुनी गई 16 सदस्यीय भारतीय हाकी टीम में चयनित ललित उपाध्याय ने हाकी की बारीकी गाजीपुर के करमपुर स्थित मेंघबरन सिंह स्टेडियम से सीखा है। उनके चयन से करमपुर स्टेडियम के खिलाड़ी उत्साहित हैं।
गाजीपुर, जेएनएन। टोक्याे ओलंपिक के लिए चुनी गई 16 सदस्यीय भारतीय हाकी टीम में चयनित ललित उपाध्याय ने हाकी की बारीकी करमपुर स्थित मेंघबरन सिंह स्टेडियम से सीखा है। उनके चयन से करमपुर स्टेडियम के खिलाड़ी उत्साहित हैं। स्टेडियम के प्रबंधक स्व. तेजबहादुर सिंह का सपना था कि स्टेडियम का खिलाड़ी ओलंपिक खेले। ललित ने यह सपना पूरा किया है। शनिवार की शाम उनके छोटे भाई पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह को फोनकर ललित ने अपनी इस कामयाबी को तेजबहादुर सिंह की देन बताया। कहा कि तेजू भइया की ही देन है कि आज ओलंपिक तक पहुंच सका हूं।
मूल रूप से वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के भगतपुर गांव निवासी ललित उपाध्याय ने हाकी का ककहरा तो यूपी कालेज के मैदान पर सीखा, लेकिन उसे निखार मिली करमपुर स्थित मेंघबरन सिंह स्टेडियम में। इंटर तक की पढ़ाई वाराणसी में पूरी करने के बाद हाकी खेलने की इच्छा को ध्यान में रखकर ललित ने करमपुर स्थित मेंघबरन सिंह पीजी कालेज में बीए में दाखिला लिया। यहां पढ़ाई के साथ ही मेघबरन सिंह स्टेडियम में हाकी के नए-नए गुर भी सीखने लगे। स्नातक की पढ़ाई करते हुए ललित करमपुर में हाकी सीखते व खेलते रहे। यहां खेलते हुए कई राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। यहीं से ललित का चयन मुंबई साईं के लिए हुआ। मुंबई साईं की तरफ सेे खेलते समय राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी और उन्हें टीम इंडिया में चुना गया। फारवर्ड खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने टीम इंडिया के लिए 200 से ज्यादा मैच खेले हैं। पूर्व सांसद राधमोहन सिंह ने बताया कि स्व तेजू भइया को ललित पर बहुत भरोसा था। वह कहते थे कि एक दिन ललित करमपुर स्टेडियम का नाम विश्व में रोशन करेगा। आज वह दिन आ गया है, लेकिन भइया इस घड़ी के गवाह नहीं बन सके।
राजकुमार का चयन न होने का मलाल
करमपुर स्टेडियम से हाकी सीखकर टीम इंडिया में पहुंचने वाले दूसरे खिलाड़ी राजकुमार पाल का चयन टोक्यो ओलंपिक में न होने का मलाल करमपुर स्टेडियम के खिलाड़ियों समेत सभी को है। पूर्व सांसद ने कहा कि राजकुमार पाल भी बेहतरीन खिलाड़ी है। उम्मीद थी कि राजकुमार भी टोक्यो ओलंपिक जाने वाली टीम का हिस्सा बनेंगे, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका। खैर, हमें उम्मीद है कि आगे राजकुमार भी इस मुकाम को हासिल कर लेंगे।