मीरजापुर में पर्यटकों को अब और लुभाएगी लखनिया दरी, 23 लाख रुपये से हो रहा कायाकल्प
लखनिया दरी पर्यटन स्थल पर बरसात के मौसम में वाराणसी जौनपुर गाजीपुर चंदौली बलिया व सोनभद्र सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के लोग जल प्रपात का आंनद उठाते हैं। इसको लेकर सरकार की ओर इसको आकर्षक ढंग से विकसित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
सोनभद्र, जागरण संवाददाता। पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए मीरजापुर जिले की अहरौरा घाटी में स्थित लखनिया दरी अब और लुभावन होगी। जल प्रपात का 23 लाख रुपये से कायाकल्प किया जा रहा है। यहां पर सोनभद्र समेत पूर्वांचल के सभी जिले भारी संख्या में लोग पहाड़ी से गिरते झरने का आनंद लेने आते हैं। शासन की तरफ से धन मिलने के बाद वन विभाग की तरफ से इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे पूर्वांचल में पर्यटन को बड़ा आधार मिलने की उम्मीद है।
सुकृत वन रेंज क्षेत्र के वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग के समीप अहरौरा घाटी में लखनिया दरी जल प्रताप को पर्यटक स्थल को बढ़ावा देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जल प्रपात को आकर्षित ढंग से बनाने का कार्य चल रहा है। लखनिया दरी पर्यटन स्थल पर बरसात के मौसम में वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, बलिया व सोनभद्र सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों के लोग जल प्रपात का आंनद उठाते हैं। इसको लेकर सरकार की ओर इसको आकर्षक ढंग से विकसित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
बरसात के मौसम में जंगल के हरे भरे पेड़ पौधे, सुगंधित फूलों की महक से लोग मोहित हो जाते हैं। जो एक बार इस दरी पर आ गया वह पुनः आने का प्रयास करता है। मगर अनजान लोगों के लिए यह दरी कभी-कभी घातक भी बन जाती है। इसलिए इस दरी में नशे में धुत होकर स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में सुकृत रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि पर्यटक स्थल को सुसज्जित आकर्षक ढंग से बनाने के लिए कार्य शुरू हो गया है। दरी के आसपास झाड़ झंकार की साफ-सफाई कर चुना दरी तक जाने के लिए रास्ते का कार्य चल रहा है। वहीं ऐतिहासिक गुफाओं की पेंटिंग, जानवरों के बने चित्र, पहाड़ के गुफाओं में पेंटिंग कर ताजा रूप दिया जा रहा है।