बिजली विभाग का एजेंट बनने में रुचि नहीं ले रहे कोटेदार, जौनपुर में 5.75 लाख विद्युत उपभोक्ता
बिजली विभाग के एजेंटों को दो हजार रुपये तक के बिल पर 20 रुपये कमीशन दिया जाता है। उससे अधिक धनराशि पर एक प्रतिशत कमीशन की व्यवस्था है। इसके बाद भी एजेंट रुचि नहीं ले रहे हैं। जिलाधिकारी ने बैठक में सक्रियता का आदेश दिया है।
जौनपुर, जागरण संवाददाता । विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ ही बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे विभाग ने खजाना भरने के लिए नई पहल की है। जनपद के कोटेदारों, महिला स्वयंसेवी संस्था एसएचजी व जिला सहकारी बैंकों को विद्युत बिल जमा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोटेदार समेत अन्य जिम्मेदार लोग एजेंट बनने में रूचि नहीं ले रहे हैं। परिणाम स्वरूप योजना के लागू हुए तीन माह से अधिक बीत गए लेकिन अभी तक 2100 कोटेदारों में सिर्फ 148 सक्रिय हैं।
उत्तर प्रदेश के बड़े जनपदों में एक जौनपुर में 5.75 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं के सापेक्ष कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। जिसके चलते विद्युत मरम्मत और अन्य कार्य बाधित होते हैं वहीं बकाया वसूली भी नहीं हो पा रही है। लगातार बढ़ रहे बकाया की वसूली के लिए पिछले कई सालों से सरचार्ज में छूट, किस्तों मे भुगतान आदि योजनाओं के भी प्रयोग से अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया।
बिजली विभाग ने बकाया कम करने और नियमित बिल जमा कराने के लिए कोटेदारों, जिला सहकारी बैंकों और स्वयंसेवी संस्थाओं का सहारा ले रही हैं। वसूली पर आकर्षक कमीशन की भी व्यवस्था है। इसके बाद भी संस्थाएं रुचि नहीं ले रही हैं। विगत दिनों बैठक में जिलाधिकारी ने सक्रियता बढ़ाते हुए अधिक से अधिक वसूली का आदेश दिया है।
जनपद में सक्रिय एजेंटों का आंकड़ा
कुल कोटेदार-2100
सक्रिय कोटेदार-148
सहकारी बैंकें-175
सक्रिय बैंक-11
महिला स्वयं सहायता समूह-1441
सक्रिय स्वयं सहायता समूह-107
एजेंटों को दो हजार रुपये तक के बिल पर 20 रुपये कमीशन दिया जाता है
बिजली विभाग के एजेंटों को दो हजार रुपये तक के बिल पर 20 रुपये कमीशन दिया जाता है। उससे अधिक धनराशि पर एक प्रतिशत कमीशन की व्यवस्था है। इसके बाद भी एजेंट रुचि नहीं ले रहे हैं। जिलाधिकारी ने बैठक में सक्रियता का आदेश दिया है। उम्मीद है कि वसूली में तेजी आएगी।
- एके मिश्र, अधीक्षण अभियंता