'खैनी खरीदनी थी' इसलिए चेन पुलिंग कर रोकी ट्रेन, वाराणसी कैंट स्टेशन पर RPF ने काटा चालान
खैनी खरीदने के लिए एक यात्री ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दिया। शुक्रवार को सराय कंसराय में हुए इस वाकये के बाद आरपीएफ की टीम ने यात्री को कैंट स्टेशन पर हिरासत में ले लिया। दादर- गोरखपुर कोविड स्पेशल ट्रेन में गोरखपुर निवासी बिल्ला सफर कर रहा था।
वाराणसी, जेएनएन। आप यकीन नही करेंगे मगर यह सच है, शुक्रवार को रेलवे प्रशासन के अधिकारियों ने भी ट्रेन रोकने की वजह जानी तो अपना माथा पीट लिया। पूरा वाकया यों है कि शुक्रवार को एक व्यक्ति ने सुर्ती खरीदने के लिए ट्रेन की चेन पुलिंग कर दी। ट्रेन रोकने की जानकारी मिलते ही सुरक्षा कर्मी सक्रिय हुए और चेन पुलिंग करने वाले को पकड़ लिया। आरपीएफ कर्मियों ने उससे पूछताछ की तो बताया कि 'तलब लगी थी इसलिए चेन पुलिंग करके ट्रेन रोक दी'।
आरोपित व्यक्ति के सुर्ती की तलब लगने पर ट्रेन की चेन पुलिंग की जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारियों को देने के साथ ही ट्रेन देर से ही सही लेकिन मौके से रवाना कर दी गई। वहीं शिकायत की जानकारी मिलते ही वाराणसी में आरपीएफ के सिपाहियों ने सम्बंधित व्यक्ति के सुर्ती की तलब को चालान काट कर मिटाया। चालान होने की जानकारी मिलते ही उस व्यक्ति का सुर्ती का नशा हिरन हो गया। वहीं ट्रेन में सफर कर रहे लोगों ने भी सुर्ती के लिए ट्रेन रोकने पर उसे खूब खरी खोटी सुनायी।
खैनी की लगी तलब
खैनी खरीदने के लिए गोरखपुर के बिल्ला ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दिया। शुक्रवार को सराय कंसराय में हुए इस वाकये के बाद आरपीएफ की टीम ने खैनी के लिए ट्रेन रोकने पर कैंट स्टेशन पर हिरासत में ले लिया। रेलवे की धाराओं में चालान कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, आरोपित को बाद में अपराध बोध हुआ तब तक आरपीएफ ने उसका चालान कर दिया था।
कोविड स्पेशल ट्रेन का मामला
आरपीएफ अधिकारी के अनुसार दादर- गोरखपुर कोविड स्पेशल ट्रेन की जनरल बोगी में गोरखपुर निवासी बिल्ला सफर कर रहा था। सराय कंसराय स्टेशन के समीप ट्रेन की चेन खींच कर खैनी लेने चला गया। ट्रेन की समयबद्धता प्रभावित होने पर गार्ड ने इस बाबत वायरलेस पर सूचना दी। ट्रेन को स्कोर्ट कर रहे आरपीएफ के सिपाहियों ने सुर्ती खरीदकर वापस लौट रहे बिल्ला को पकड़ लिया और कैंट रेलवे स्टेशन वाराणसी पहुंचने के बाद उसका चालान कर दिया। चालान होने के बाद ही आरोपित को अपराध बोध हुआ और आगे से उसने ऐसा न करने की कसम खायी। हालांकि, अपराध बोध होने के बाद भी आरोपित का आरपीएफ ने चालान कर दूसरों के लिए भी करारा सबक दिया है।