कोरोना काल में दांत और मुंह का भी रखें खास ध्यान, बीड़ी- सिगरेट से कमजोर होगा फेफड़ा

दांत मुंह के रोगों की समस्या तो बढ़ेगी ही साथ ही कोरोना को भी दावत दे रहे हैं। मुंह में ये चबाते समय लार का स्राव अधिक होने से बार-बार थूंकना पड़ता है कोविड-19 को भी खतरा बढ़ेगा। बीड़ी और सिगरेट से फेफड़ा कमजोर होंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 03:21 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 03:21 PM (IST)
कोरोना काल में दांत और मुंह का भी रखें खास ध्यान, बीड़ी- सिगरेट से कमजोर होगा फेफड़ा
दांत, मुंह के रोगों की समस्या तो बढ़ेगी ही साथ ही कोरोना को भी दावत दे रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। अगर आप नियमित रूप से गुटका, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी आदि का सेवन करते हैं तो सावधन हो जाइए। कारण कि इससे दांत, मुंह के रोगों की समस्या तो बढ़ेगी ही साथ ही कोरोना को भी दावत दे रहे हैं। मुंह में ये चबाते समय लार का स्राव अधिक होने से बार-बार थूंकना पड़ता है, कोविड-19 को भी खतरा बढ़ेगा। बीड़ी और सिगरेट से फेफड़ा कमजोर होंगे। ऐसे में लोग अगर कोरोना से संक्रमित होते हैं तो उनपर कोरोना वायरस खतरनाक ढंग से अपना प्रभाव डालता है। इस लिए इस दौर में गुटका, पान मसाला, खैनी, सिगरेट, बीड़ी आदि के सेवन से बचते हुए नियमित दिनचर्या, बेहतर खानपान, दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान दें। ध्यान केंद्रित कर के बचा जा सकता है। अपने आसपास के डेंटल सर्जन को उचित देखभाल एवं इलाज करने के लिए टेलीफोन से संपर्क करना चाहिए। दांत की बिमारी से खून, हृदय, मधुमेह, गुरदा, सांस संबंधित समस्या भी बढ़ने का खतरा बढ़ने लगता है। इससे बचाव के लिए मुंह की सफाई व कभी-कभी दांत के मसूड़े की मालिश हल्दी को ग्लिसरीन मे मिलाकर करनी चाहिए। 

24 घंटे में दो बार करें ब्राश, नमक के गुनगुने पानी से कुल्ला 

कोरोना के दूसरे लहर में हर कोई आजकल अपने जीवन से संघर्ष कर रहा है। इसके बचाव के लिए एक दूसरे से दूरी, फेसमास्क व नियमित हाथ की सफाई ही रास्ता है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. टीपी चतुर्वेदी बताते हैं कि इस समय जंक फूड, ज्यादा मीठा, दांतों पर चिपकने वाला खाना नहीं चाहिए। बाजार में आसानी से उपलब्ध फास्ट फूड, दातों पर चपकने वाले  एवं मीठे व्यंजन आसानी से दांतों पर एक लेयर बना लेते हैं, जिसको अगर 12 घंटे या इससे कम समय में साफ न किया जाए तो ये दांतों  में शड़न करते हैं। इसीलिए 23 घंटे में दो बार ब्रश करने के लिए कहा जाता हैं। मुख में नमक के गुनगुने पानी में कुल्ला करना चाहिए। टूथपेस्ट फ्लोराइड युक्त करना चाहिए। बहुत ज्यादा ढंडा या गरम पानी नहीं पीना चाहिए। 

दांतों की समस्या से पनपने लगती हैं कई बीमारियां 

मुंह की सफाई न होने से मसूड़ों से खून आना, मुंह से बदबू आना, मवाद आना, संसानहट, एवं दर्द होना एक आम बात है। ये सब लक्षण पयारिया के होते हैं जो कि 70 से 80 फीसद लोगों में होता हैं। अगर ये समय से ठीक नहीं करवाए जाते हैं तो धीरे-धीरे दांत कमजोर होकर गिरने लगते हैं। इसके बाद लोग ठीक से खाना भी नहीं खा पाते हैं। साथ ही पेट के रोग एवं अन्य बिमारियां भी पनपने लगती है, जिसमें दांतों में खून आना, हृदय रोग, मधुमेह, किडनी, सांस आदि बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। 

हल्दी को ग्लिसरीन में मिलाकर करें मसूड़ों की मालिश

इसके बचाव के लिए मुंह की सफाई व कभी-कभी दांत के मसूड़े की मालिश हल्दी को ग्लिसरीन में मिलाकर करनी चाहिए। दांतों के सड़ने को डेंटल कैरीज कहते हैं। यह 60 से 70 फीसद होता है, जिससे दांतों में पानी या गरम चाय या ठंडा लेने पर संसानहट, दर्द होता है। इसको भी खान पान एवं मुंह, दांतों की सफाई पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से दिन में दो बार ब्रश करना चाहिहए। अगर इस समस्या को ठीक नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे यह पूरे दांत को खोखला और कमजोर कर देता है। कभी -कभी इससे ऊपर एवं नीचे के जबड़े की हड्डियां भी खराब होने लगती है। 

चिकित्सक की परामर्श से लें दवा 

दर्द होने पर दवा व एंटीबायोटिक का प्रयोग अपने दंत चिकित्सक से परामर्श कर ले सकते हैं। आजकल बच्चों में भी यह सब बीमारी बहुत आम हो चली हैं। इसका बचाव भी खानपान एवं दांतों की सफ़ाई से किया जा सकता है। बच्चों के दांत टेढे़ -मेढे़ निकलने लगे हैं। इसका इलाज भी इस समय सवधानी से करवाना चाहिए या कुछ समय के बाद करवाना चाहिए।

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